2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे देश के राजनीतिक दलों में एक और बड़ा हलचल मच गया है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पशुपति कुमार पारस ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।
पारस ने इस फैसले से अपने संवेदनशीलता और आत्मसमर्पण का परिचय दिया है। उन्होंने अपने नेतृत्व के पारितंत्र और न्याय के खिलाफ खड़ी तिमाही पर आपत्ति दर्ज की है।
पहले उन्होंने NDA गठबंधन के साथ साझेदारी की थी, लेकिन अब उन्होंने उससे भी अलग हो जाने का फैसला किया है। यह फैसला लोगों के बीच उनकी पूर्वोत्तर स्तर की सहयोगी स्वरूप से उठ उठकर उनकी नाम का बड़ा हिस्सा होगा।
पारस के इस फैसले से भाजपा को भी एक मुश्किल घड़ी का सामना करना पड़ेगा। उनकी इस्टीफा के बाद उनके अंदर की राजनीति में तेजस्वी और चिराग पासवान के साथ भी आगे क्या रहेगा, यह जानने की उम्मीद है।
इस असमान्य समय में, यह भी देखा जा रहा है कि क्या कोई और बड़ा नाम भी इस तारीख पर अज्ञात स्थिति की चर्चा करेगा। सभी नजरें अब विपक्षियों की ओर हैं और इस चुनाव में क्या खूबियां और कमियां दिखेगी, इसका इंतजार है।
राजनीति के इस महाकुंभ के बीच, पशुपति कुमार पारस का यह फैसला राजनीति में एक नया कोरा सफाद परत खोलने वाला है। और इस सबका हर कोने पर एक नया सवाल उठेगा।
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