ग्राहक अब निष्क्रिय नहीं: वेश्यालय में अभियोजन पर मुहर
एक महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से चर्चित फैसले में, केरल उच्च न्यायालय ने इस बात की पुष्टि की है कि वेश्यालयों में यौन सेवाओं के लिए भुगतान करने वाले व्यक्ति केवल “ग्राहक” नहीं हैं, बल्कि उन्हें अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 (ITP Act) के तहत अभियोजित किया जा सकता है। अदालत का यह फैसला वेश्यालय […]