हिमाचल प्रदेश में सियासी गतिरोध के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विक्रमादित्य सिंह का फैसला कांग्रेस छोड़ने की संभावना है। उन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल से पेडब्ल्यूडी मिनिस्टर और कांग्रेस हटा दिया है। जानकारों का कहना है कि इसका मतलब है कि विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस के पक्ष में अब आगे नहीं रहना चाहते।
विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों को घोषित किया गया है और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उन्होंने रुख नरम किया। इसके बाद बगी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
सदन में विधायकों की कुल संख्या 68 से घटकर 62 रह गई है, जिसमें कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है। कांग्रेस के विधायकों ने भी बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था।
बीजेपी के पक्ष से इस संकट का फायदा उठा रही है, जो कांग्रेस को कड़ी चुनौती प्रदान कर रही है। विक्रमादित्य सिंह के चले जाने से हिमाचल प्रदेश में सियासी स्थिति में काफी हलचल मच गई है।
यह सभी बड़े विक्रमादित्य सिंह के राजनीतिक के निर्णय से आए संकटों का सारांश है। वे कांग्रेस के पक्ष में अब किसी नाते से जुड़े नहीं हैं और उनकी राजनीतिक भविष्य का सवाल खड़ा हो गया है।
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