अयोध्या: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा करने के लिए अयोध्या में 22 जनवरी की तारीख चुनी गई है। इस तारीख के चयन की वजह इस सम्बंधित घटना के पीछे मौजूद कारणों को समझने में थी। इस बड़ी ख़बर की पूरी विवरणों के लिए विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है। यह ख़बर नवभारत टाइम्स पर 26 अक्टूबर 2023 को 11:04 am को अपडेट की गई है।
इस ख़ास तिथि का चयन विश्व के महत्वपूर्ण शहर अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए किया गया है। रामलला अयोध्या के मुख्य मंदिर का मुख्य देवता है और इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। इस बड़े धार्मिक उत्सव की तारीख 22 जनवरी चुनी गई है ताकि धार्मिक संस्थान और लोग इस महापर्व के लिए अपनी योजनाओं को तैयार कर सकें।
इस तारीख के चयन की प्रक्रिया में अनेक तत्वों और बातचीतों की संलग्नता है। अयोध्या के स्थानीय पत्रकार, अनुभव पांडे के संकलन के माध्यम से, हमें यह जानकारी मिली है कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की तारीख चुनने के पीछे कुछ विचारों का वेतन रहा है।
अनुभव पांडे ने कहा, “यह तारीख 22 जनवरी करीब 11 घंटों बाद की जा रही है, जब अन्धविश्वास के साथ शुभ दिवस मनाया जाता है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का एक महापर्व है, और हमें लगता है कि यह तारीख उस धार्मिकता के साथ जुड़ी हुई है। यही कारण है कि हमारे गुरुओं ने इस तारीख को चुना है।”
इसके साथ ही, अयोध्या न्यूज़ आज यह जानकारी दिया है कि इस टाइम पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का एक इतिहासिक कदम ले जाने के लिए यह सोचा जाता है कि 22 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण तारीख के रूप में उचित परिचय दिया जा सके।
यह ख़बर नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित की गई है और यह पब्लिकेशन द्वारा संचालित वेबसाइट “राजनीति गुरु” पर उपलब्ध है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार कोर्सर द्वारा तैयार की जाने वाली इस ख़बर को बस 300-400 शब्दों में ख़ुदरा जानकारी और अपडेट की गई तारीख के साथ दिया गया है। यहां तक कि इस ख़बर का अपडेट नवभारत टाइम्स पर उपलब्ध हुआ है।
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए चुनी गई तारीख, इस विशिष्ट उत्सव के आयोजन को सुगम बनाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आइए नवभारत टाइम्स के इस रिपोर्ट के माध्यम से जानें इस तिथि के चुनाव की वजह और उससे जुड़े अहम्दाबाद के साक्ष्यों के बारे में।
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