नीतीश कुमार की नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की खबर बड़ी धूमधाम से बिहार की राजधानी पटना में मनाई गई। यह अहम घटना देशी राजनीति में एक बड़ी उलझन के रूप में मानी जा रही है। नीतीश कुमार की नई सरकार बिहार में NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) के साथ बनी है। यह उनके लिए एक बहुत बड़ा मोर्चा है क्योंकि पिछले कुछ समय से उनकी सत्ता आसन पर चली गई थी।
इस घटना के पश्चात स्पष्ट हो रहा है कि बिहार में चुनावी माहोल काफी गरमा रहेगा। विपक्षी गठबंधन के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका साबित होगा क्योंकि वे नीतीश कुमार का साथ खो चुके हैं। विपक्ष के एतराज का मुख्य कारण है कि नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनावों से पहले ही ऐलान किया है कि उन्होंने NDA के साथ जुड़ने का फैसला किया है। उन्होंने बताया है कि उन्हें देश की बढ़ती हुई गरीबी और विकास को बढ़ावा देने के लिए NDA के साथ जुड़ने की ज़रूरत महसूस हुई है।
बताया जा रहा है कि बहुत सारे राजनीतिक दलों के नेता इस निर्णय पर खुश नहीं हैं और वे नीतीश कुमार को ग़लत रास्ते पर चलते हुए देख रहे हैं। इसके बावजूद, जनता की राय अंतिम रहेगी और उन्हें लोकसभा चुनाव में सबक का उपहार मिलेगा। नीतीश कुमार अपने फैसले के बाद समाज में ही नहीं, बल्कि सरकारी दफ्तरों की दौड़ में भी काफी मसले पलेगें और उन्हें सहन करना होगा। वे दबंग और मजबूत प्रशासन द्वारा इस समस्या का सामना करने की कोशिश करेंगे।
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यह हमारी वेबसाइट “राजनीति गुरु” के लिए यह राजनीतिक खबर थी। आप हमारी वेबसाइट पर इस घटना के और भी ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार पढ़ सकते हैं।
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