राजनीति गुरु: भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और बहादुरी को सम्मानित करने के लिए, 26 जुलाई को पूरे देश में करगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। करगिल विजय दिवस, जो भारतीय सेना के साहस, पराक्रम और शौर्य का प्रतीक है, पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए करगिल युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत का जश्न मनाने का दिन माना जाता है। इस वर्ष करगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
1999 में मई महीने में, पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश की थी। इस पर प्रतिक्रिया में, भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ की शुरुआत की और युद्ध सफलतापूर्वक समाप्त किया। इस युद्ध में भारत के 527 वीर जवान शहीद हुए थे, और 1363 जवान घायल हुए थे। यह दिवस उन सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को श्रद्धांजलि देने और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
करगिल विजय दिवस पर सभी भारतीय नागरिकों को उन शहीद सैनिकों को याद रखने और उनके साहसिक कार्य को सराहना करने की अवसर मिलता है। यह दिवस भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और वीरता को सम्मान देने का महान मौका है। सेना के जवानों की शौर्य कहानियों को सुनकर देशभक्ति एवं राष्ट्रीयता की आग बढ़ती है।
सरकार ने इस साल करगिल विजय दिवस पर समारोहों का आयोजन किया है। इसमें सेना के ढाई लाख से अधिक सैनिकों, नवीनतम हथियारों का प्रदर्शन, और युद्ध स्मारक पर हार्दिक श्रद्धांजलि देना शामिल है। इसके साथ ही, शौर्य पुरस्कारों का आयोजन भी होगा, जिसमें वीरता के लिए योगदान देने वाले सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा।
करगिल विजय दिवस देश के राष्ट्रीयता और गर्व का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमेशा हमें अपनी सेना की महानता और बहादुरी का आदर्श बनाए रखना चाहिए। यह हमें याद दिलाता है कि हर वक्त देश की सुरक्षा के लिए तत्पर रहने की जरूरत है।
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