बदरुद्दीन अजमल द्वारा उठाए गए मुद्दों के आधार पर एकदिवसीय नेतृत्व के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने विवाद को खड़ा कर दिया है। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के इस प्रमुख नेता ने मुस्लिम समुदाय के बच्चों की शिक्षा की कमी पर चिंता व्यक्त की थी।
ऐसा कहा गया है कि वे बदहाल हालत में मुस्लिम समुदाय नंबर-1 हैं, यानी जब विभाजन से पहले भी हिन्दुस्तान में पंडित जी कहा था, “मुस्लिम समुदाय नंबर-1″। अजमल का कहना है कि इसके पीछे कारण के रूप में शिक्षा की कमी बताई जाती है।
उन्होंने बुधवार को ये एक बार फिर से दोहराया कि लड़कियों की बदनजर और गलत तरीके से देखना किसी भी तरह सही नहीं है। इसे अपराध के मामलों में भी शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा, एक दिन में ही वे लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि मुसलमानों का इंसानियत के संबंध में गलत धारणा नहीं रखनी चाहिए।
बहुत कम समय में बदरुद्दीन अजमल ने इस मुद्दे पर विवाद खड़ा कर दिया है। आप अब कुछ इंसानों की भावनाएं बेहद लेकर चल सकते हैं। वह यह समझना चाहते हैं कि इस तरह के अनुकरण करने से केवल भ्रष्टाचार और अपराध के मामलों को ही यहां घ्रणा की जाती है जिन्हें दरार लगी है। इसलिए, मतदाता जागरूकता प्रचार का एक और पहलू है कि इसे धर्म के आधार पर नहीं चलाया जाना चाहिए।
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