दिल्ली और एनसीआर में निर्माण कार्य बंद हो जाएंगे। इससे रेलवे सर्विसेज, रेलवे स्टेशन, मेट्रो रेल सर्विस, स्टेशन, एयरपोर्ट और आईएसबीटी, नैशनल सिक्युरिटी और डिफेंस से जुड़े प्रोजेक्ट भी प्रभावित हो सकते हैं। अस्पताल, हेल्थ केयर फेसिलिटी, पब्लिक प्रोजेक्ट, फ्लाईओवर, रोड, हाईवे, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन या डिस्ट्रिब्यूशन, पाइपलाइन, एसटीपी और स्वच्छता से जुड़े निर्माण कामों में भी रुकावट आ सकती है। इसके साथ ही प्रदूषण के सभी नियमों का पूरा पालन किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि धूल उत्पन्न करने वाली गतिविधियों जैसे खुदाई, बोरिंग, ड्रिलिंग, स्ट्रक्चरल कंस्ट्रक्शन, वेल्डिंग वर्क्स, डिमॉलिशन, गाड़ियों का चलना, सीवर लाइन, वॉटर लाइन, ड्रेनेज वर्क, टाइल्स काटने और फिक्स करने, ग्राइडिंग एक्टिविटी, पाइलिंग वर्क, वॉटर प्रूफिंग वर्क और पेंटिंग वर्क आदि नहीं हो सकेंगी। हालांकि, प्लंबिंग वर्क, इलेक्ट्रिक वर्क, कारपेंटर, डेकोरेशन आदि के काम जारी रखे जा सकेंगे।
इसके अलावा दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में भी रोक लग सकती है। साथ ही एनसीआर में स्टोन क्रशर जोन और माइनिंग से जुड़े काम भी बंद रखेंगे। इसका मकसद प्रदूषण को कम करना है।
इस तरह के निर्माण के कार्यों का असर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी रहेगा। लोगों को अपनी कारों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल का उपयोग नहीं करना चाहिए ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। इस इनीशिएटिव के अनुसार दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में भी इस रोक का पालन किया जाना चाहिए।
इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी और लोगों की सेहत पर अच्छा असर पड़ेगा। इसके साथ ही, निर्माण कार्यों का रुकावट भले ही कुछ समय के लिए हो, लेकिन यह पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा लाभ होगा। इससे दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने में मदद मिलेगी और समाज को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने में सहायता प्रदान करेगी।
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