भारतीय राजनीति में एक बड़ा आर्थिक घोटाला सामने आया है। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं जिससे देश में राजनीतिक हलचल मच गई है। इस मुद्दे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है।
41 कंपनियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से लगभग 2,471 करोड़ रुपये दिए हैं। साथ ही, 30 फर्जी कंपनियों ने भी दिए इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा। अन्य तरह, 33 कंपनियों ने इनाम में 3.7 लाख करोड़ रुपये प्रोजेक्ट और कॉन्ट्रैक्ट से चंदा दिया।
प्रशांत भूषण ने बताया कि चार कैटेगरी में भ्रष्टाचार किया गया है भाजपा ने। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने स्वतंत्र जांच की मांग की है इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से किए गए भ्रष्टाचार की। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक विशेष जांचाधीन समिति की आवश्यकता है जिससे सच्चाई सामने आ सके।
इस संदर्भ में, ‘इलेक्टोरल बॉन्ड से किए गए भ्रष्टाचार की जांच के लिए हो SIT का गठन’ का भी आवाज उठ रहा है। नई दिल्ली में आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने स्वतंत्र जांच की मांग की है इस मामले के खुलासों के बाद।
इस घटना ने देशवासियों में खलबली मची है और उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर इस मुद्दे का सामना करने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को कठोर कदम उठाने की जरूरत है ताकि देश को ईमानदार और निष्पक्ष राजनीति की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिल सके।
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