प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के नलबाड़ी से रामलला के सूर्य तिलक को देखा, यह एक चुनावी जनसभा के मौके पर हुआ। मोदी ने सूर्य तिलक को देखकर बताया कि ये परमानंद का पल है। रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में दर्पण और लेंस के जरिए बनाए गए मैकेनिज्म के द्वारा सूर्य तिलक किया गया। राम मंदिर के प्रवक्ता ने बताया कि सूर्य तिलक के लिए लगभग चार-पांच मिनट लिए गए। यह समारोह हर साल रामनवमी पर होगा।
सूर्य तिलक प्रोजेक्ट का मकसद रामलला की मूर्ति के मस्तक पर तिलक लगाना है। यह अयोध्या में पहली रामनवमी के मौके पर ऐतिहासिक हो रहा है। लोग इस मोमेंट को निहारने के लिए धर्म और आदर से इंतजार कर रहे हैं। सूर्य तिलक का यह कार्यक्रम उत्सव को और भी धार्मिक और एकत्रित करने का माध्यम बना रहा है।
मुख्य समाचार अधिकारी ने कहा कि इस अवसर पर सुरक्षा कर्मी भी बेहद सतर्क रहेंगे ताकि कोई भी दुर्घटना न हो। दरअसल, इस दिन अयोध्या में हेलीकॉप्टर से सुरक्षा निरीक्षण भी किया जाएगा।
सूर्य तिलक प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक विशिष्ट धार्मिक क्रिया है जिसके द्वारा समुद्र मंथन के समय सूर्य पर्वत पर रहने वाले गज की स्थापना की गई थी। इस अद्भुत कार्यक्रम के माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ भाईचारे का संदेश देने के साथ-साथ धार्मिक भावनाओं को भी जगा रहे हैं।
इस अवसर पर देशभर से लोग अयोध्या में एकत्रित हो रहे हैं और रामलला के सूर्य तिलक का दर्शन करने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। रामनवमी के पावन पर्व पर अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक होना एक विशेष महत्व वाला पल होगा और यह उत्सव दर्शकों को आत्मिक शांति और समृद्धि देगा।
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