लखनऊ — देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया जारी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी इस महत्वपूर्ण चरण में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। पार्टी नेतृत्व लगातार दावा कर रहा है कि वह SIR के हर चरण में सक्रिय रूप से भाग ले रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर बूथ-स्तरीय एजेंट (BLA) की नियुक्ति को लेकर स्थिति संतोषजनक नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कांग्रेस कम से कम 17 जिलों में अब तक बूथ लेवल एजेंट नियुक्त नहीं कर पाई है, जिससे पार्टी की निगरानी क्षमता और बूथ-स्तर की उपस्थिति पर सीधा असर देखा जा रहा है। SIR जैसे संवेदनशील और तकनीकी कार्य में BLAs की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है क्योंकि वे मतदाता सूची में संशोधन, नए नाम जोड़ने और गलत प्रविष्टियों को चिन्हित करने में पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि यह समस्या अचानक नहीं आई, बल्कि कई महीनों से संगठनात्मक ढिलाई और कार्यकर्ताओं की कम सहभागिता इसका मुख्य कारण है। उनके शब्दों में,
“हमारे कई जिलों में कार्यकर्ताओं में पहले जितनी ऊर्जा नहीं दिख रही। कई स्थानों पर स्थानीय इकाइयों में समन्वय की कमी है, जिससे BLA नियुक्ति की गति बेहद धीमी हो गई है।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ जिलों में जिलाध्यक्षों और ब्लॉक-इंचार्जों की बैठकें लंबे समय से नियमित रूप से नहीं हो रही थीं, जिसके कारण बूथ-स्तर की तैयारियाँ प्रभावित हुईं।
SIR प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटि-मुक्त बनाना होता है। इस दौरान प्रत्येक मतदान क्षेत्र में पात्र मतदाताओं की पहचान, मृतकों या स्थानांतरित हुए लोगों के नाम हटाना, और नए मतदाताओं का पंजीकरण शामिल है।
सरकार-निर्देशित BLO (बूथ लेवल अधिकारी) के साथ BLAs का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि मतदाता सूची में कोई भी बदलाव पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो तथा किसी भी वैध मतदाता का नाम अनजाने में न कटे।
इस संदर्भ में राजनीतिक दलों के लिए BLAs की भूमिका अनिवार्य मानी जाती है, क्योंकि इसके बिना किसी भी पार्टी के लिए बूथ-स्तर पर प्रभावी हस्ताक्षेप संभव नहीं होता।
कांग्रेस संगठन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मुख्य कठिनाई कार्यकर्ताओं के उत्साह में कमी, जमीनी कैडर की सीमित उपलब्धता, और संगठन में संवाद की कमी है। कई जिलों में बूथ-स्तर के कार्यकर्ता किसान या छोटे व्यवसायी हैं जो मौसमी कामकाज के कारण उपलब्ध नहीं हो पा रहे।
कुछ नेताओं ने इस स्थिति को नेतृत्व की तरफ से समय पर प्रेरणा और दिशा-निर्देश न मिलने से भी जोड़ा। पार्टी के एक युवा नेता ने कहा कि,
“हमारे पास अच्छे कार्यकर्ता हैं, लेकिन उन्हें ठीक तरीके से सक्रिय करने की आवश्यकता है। नेतृत्व को लगातार संवाद बनाए रखने की जरूरत है ताकि जिला टीमें समय पर लक्ष्य पूरा कर सकें।”
चुनाव पूर्व महीनों में SIR प्रक्रिया को गंभीर राजनीतिक महत्व का माना जाता है। किसी भी दल की बूथ-स्तर पर उपस्थिति जितनी मजबूत होती है, उसकी चुनावी रणनीति उतनी ही सुदृढ़ मानी जाती है।
अगर कांग्रेस समय पर BLA तैनात नहीं कर पाई, तो ऐसे कई क्षेत्रों में पार्टी को नुकसान हो सकता है, जहां पहले से ही उसे संगठनात्मक मजबूती की आवश्यकता है। यह कमी मतदाता सूची में त्रुटियों की पहचान, अपने वोटरों का डेटा बनाए रखने और बूथ-स्तर पर प्रभाव जमाने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि SIR जैसे अभियानों में सक्रियता किसी भी पार्टी के चुनावी स्वास्थ्य का संकेतक होती है। यदि कांग्रेस इस मोर्चे पर पीछे रह जाती है, तो आगामी राजनीतिक समीकरणों पर इसका असर पड़ सकता है।
पार्टी नेतृत्व ने संकेत दिया है कि आने वाले सप्ताहों में BLA नियुक्ति को गति देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिलाध्यक्षों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं और ब्लॉक-स्तर पर बैठकों को अनिवार्य किया गया है।
हालांकि यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या कांग्रेस इन कदमों को समय पर लागू कर पाती है। SIR की समयसीमा सीमित है और मतदाता-सूची के अंतिम ड्राफ्ट से पहले BLAs की तैनाती सुनिश्चित करना पार्टी के लिए अनिवार्य है।
यदि संगठन इन प्रयासों को तेजी से आगे बढ़ाता है, तो कांग्रेस आगामी राजनीतिक गतिविधियों में बेहतर स्थिति बना सकती है। लेकिन यदि वर्तमान गति जारी रहती है, तो पार्टी की SIR प्रक्रिया में भागीदारी सीमित रह सकती है, जिसका आगे व्यापक असर दिख सकता है।
