भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर प्रदेश में अपना नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने की तैयारी में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुँच चुकी है और हाल ही में लखनऊ में आयोजित एक अहम बैठक में आरएसएस प्रतिनिधियों, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप-मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ भाजपा नेताओं की उपस्थिति में इस पर व्यापक चर्चा की गई। आधिकारिक घोषणा इस महीने के अंत तक होने की संभावना है।
बैठक को “निर्णायक और अंतिम” बताते हुए कई नेताओं ने कहा कि पार्टी ने सर्वसम्मति सुनिश्चित करने और सामाजिक तथा संगठनात्मक संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया। चुनावी परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सामाजिक समूहों से संभावित नामों पर विचार किया गया।
प्रदेश अध्यक्ष का पद कई महीनों से लंबित था, क्योंकि लोकसभा चुनावों के बाद संगठनात्मक फेरबदल और आंतरिक समीक्षा जारी थी। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक राज्य है, जहाँ आगामी निकाय चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव को देखते हुए नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होना आवश्यक माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष सरकार और संगठन के बीच सेतु का काम करता है। उसका दायित्व कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखना, संगठन को मजबूत करना और राजनीतिक संदेश को जनता तक पहुँचाना होता है।
सूत्रों के अनुसार उम्मीदवारों का मूल्यांकन जातीय प्रतिनिधित्व, संगठनात्मक योगदान, प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक स्वीकार्यता के आधार पर किया गया। ब्राह्मण, ओबीसी और दलित समुदायों से संभावित नामों पर चर्चा हुई, जो भाजपा की व्यापक सामाजिक रणनीति का हिस्सा है।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “लक्ष्य ऐसा निर्णय लेना था जो संगठन को मजबूत करे और आगामी चुनावों के लिए तैयारी को गति दे।”
एक अन्य रणनीतिकार ने कहा, “यूपी राजनीतिक रूप से जटिल है। पार्टी को ऐसे अध्यक्ष की जरूरत है जो एकता बनाए रखे और बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर सके।”
बैठक में आरएसएस के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने संगठनात्मक अनुशासन और दीर्घकालिक कार्यकर्ता निर्माण पर सुझाव दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्रियों ने भी अपनी राय रखी और राज्य की राजनीतिक जरूरतों के अनुरूप योग्य चेहरे पर सहमति व्यक्त की।
बैठक में कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति, राजनीतिक चुनौतियाँ, voter outreach और विकास परियोजनाओं की समीक्षा भी शामिल रही। पार्टी ने कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों में बेहतर समन्वय की आवश्यकता जताई, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
अंतिम सहमति बन चुकी है और पार्टी इस महीने के अंतिम सप्ताह से पहले नए अध्यक्ष का नाम घोषित कर सकती है। नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी संगठन को मजबूत करने, सदस्यता अभियान को बढ़ाने और आगामी चुनावी रणनीति को दिशा देने की होगी।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “घोषणा सही समय पर होगी। संगठन एकजुट है और नया अध्यक्ष पार्टी को अगले चरण में मजबूती से नेतृत्व देगा।”
