पटना — बिहार में नई सरकार गठन को लेकर सत्ता वितरण का एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव चर्चा में है। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, JD(U) और BJP को मंत्रिमंडल में बराबर मंत्रालय दिए जाने का फॉर्मूला तैयार किया गया है। इसके साथ ही चिराग पासवान की पार्टी को दो मंत्री पद देने की संभावना भी जताई जा रही है।
गठबंधन के भीतर चल रही बैठकों के बीच, एक भाजपा सूत्र ने बताया कि यह फॉर्मूला इस समय बातचीत की मेज पर है और नेताओं के बीच परामर्श चल रहा है। सूत्र ने कहा, “यह फॉर्मूला मेज पर है और परामर्श जारी हैं; शपथ ग्रहण बुधवार या गुरुवार को हो सकता है।”
यह प्रस्ताव गठबंधन के भीतर शक्ति संतुलन बनाए रखने का संकेत देता है। जदयू और भाजपा को समान मंत्रालय मिलने से दोनों दलों के बीच सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश स्पष्ट नजर आती है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, हाल के चुनावी परिणामों और गठबंधन समीकरणों को ध्यान में रखते हुए यह फार्मूला दोनों दलों के हितों को संतुलित करने के लिए तैयार किया गया है।
चिराग पासवान की भूमिका इस प्रक्रिया में काफी महत्वपूर्ण है। उनकी पार्टी को दो मंत्री पद देने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कौन-से विभाग दिए जाएंगे, लेकिन यह कदम गठबंधन में LJP (रामविलास) की बढ़ती राजनीतिक प्रासंगिकता को दर्शाता है।
गठबंधन रणनीति से जुड़े जानकारों के मुताबिक, इस सत्ता-वितरण मॉडल का उद्देश्य छोटे सहयोगी दलों को भी महत्व देना है, ताकि भविष्य में किसी तरह की असहमति या नाराजगी न उत्पन्न हो। JD(U) और BJP दोनों ही यह संदेश देना चाहते हैं कि गठबंधन की सरकार पारदर्शी और संतुलित हिस्सेदारी पर आधारित होगी।
इस प्रस्ताव में यह भी कहा जा रहा है कि चिराग पासवान की हिस्सेदारी को मजबूत बनाया जाए, ताकि सरकार में उनकी भागीदारी और नेतृत्व को उचित स्थान मिल सके। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने राज्य की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है, और इस प्रस्तावित फार्मूले से उनका राजनीतिक प्रभाव और मजबूत हो सकता है।
शपथ ग्रहण समारोह की बात करें तो चर्चा है कि यह बुधवार या गुरुवार को आयोजित किया जा सकता है। हालांकि अभी यह अंतिम नहीं है, क्योंकि विभागों के आवंटन पर चर्चाएं जारी हैं। कुछ मंत्रालयों की संरचना को भी बदले जाने पर विचार किया जा रहा है।
राजनीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह फॉर्मूला गठबंधन के भीतर स्थिरता लाने का प्रयास है। बराबर मंत्रालय देना दोनों प्रमुख दलों को समान शक्ति का भरोसा देता है और इससे सरकार की स्थिरता को मजबूती मिल सकती है।
चिराग पासवान के लिए यह अवसर उनकी पार्टी की स्थिति को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। यदि उन्हें दो पद मिलते हैं, तो यह उनके समर्थकों के लिए भी सकारात्मक संदेश होगा और गठबंधन में उनकी भूमिका और प्रभाव बढ़ेगा।
कुल मिलाकर, बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर जो सत्ता-वितरण मॉडल सामने आया है, वह गठबंधन की एकजुटता और सामंजस्य को बनाए रखने का प्रयास है। अगर यह फॉर्मूला अंतिम रूप लेता है और शपथ ग्रहण समय पर होता है, तो राज्य की राजनीति में एक नया संतुलन और साझेदारी देखने को मिल सकती है।
