
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव डी राजा ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब “राजनीतिक परिपक्वता” दिखा रहे हैं और सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे रहे हैं। आने वाले चुनावों और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ की भूमिका पर बात करते हुए राजा ने मौजूदा माहौल में विपक्षी एकजुटता की अहमियत पर जोर दिया।
डी राजा ने कहा कि हाल के महीनों में गांधी के भाषण और सार्वजनिक जुड़ाव उनके राजनीतिक दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी अब केवल प्रतीकात्मक राजनीति तक सीमित नहीं हैं। वह बेरोजगारी, सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों जैसे अहम मुद्दों पर भाजपा और प्रधानमंत्री से सीधा मुकाबला कर रहे हैं।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब 2023 में गठित विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक, भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। राजा ने ब्लॉक को मजबूत करने के प्रति सीपीआई की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि सामूहिक प्रयास और वैचारिक स्पष्टता ही सत्तारूढ़ दल को चुनौती देने में अहम होगी।2019 के लोकसभा चुनावों में आलोचना झेलने के बाद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा जैसी पहलें शुरू कीं। ये अभियान आर्थिक असमानता, सामाजिक सौहार्द और संवैधानिक मूल्यों जैसे विषयों पर केंद्रित रहे, जिन्हें गांधी की नई राजनीतिक छवि गढ़ने का प्रयास माना गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक न्याय, सामाजिक कल्याण और किसानों की चिंताओं पर गांधी का हालिया फोकस मतदाताओं के बीच असर डाल रहा है। उनका यह दृष्टिकोण इंडिया ब्लॉक के भीतर तालमेल को बेहतर बनाने में भी मददगार हो सकता है।
डी राजा ने समकालीन भारत में मार्क्सवादी विचारधारा की प्रासंगिकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि असमानता, श्रमिक अधिकार और लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण जैसे मुद्दों पर यह विचारधारा आज भी समाधान पेश कर सकती है।
वहीं भाजपा का कहना है कि विपक्ष का दावा टिकाऊ नहीं है। पार्टी का तर्क है कि सरकार के विकास कार्य, बुनियादी ढांचा और कल्याणकारी योजनाएँ जनता का समर्थन सुनिश्चित करती हैं। भाजपा नेताओं ने इंडिया ब्लॉक को कई बार “सुविधाजनक गठबंधन” करार दिया है।
फिर भी, चुनावी मौसम नजदीक आते ही विपक्ष का अभियान और धारदार होता दिख रहा है। प्रधानमंत्री को सीधे चुनौती देने की गांधी की तैयारी ने विपक्षी खेमे को नई ऊर्जा दी है। हालांकि, रणनीतिक समन्वय की चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इंडिया ब्लॉक की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह मतदाताओं की वास्तविक चिंताओं को कितनी प्रभावी तरह से संबोधित करता है और आंतरिक मतभेदों को किस तरह सुलझाता है।
डी राजा की टिप्पणियाँ इस धारणा को बल देती हैं कि राहुल गांधी का राजनीतिक सफर अब अधिक प्रभावशाली दिशा में बढ़ रहा है। यह बदलाव चुनावी नतीजों में कितना असर डालेगा, इसका फैसला आने वाले समय में होगा।