
अभिनेता से नेता बने विजय ने रविवार को त्रिची से अपने राजनीतिक अभियान “Unga Vijay, Naa Varen” (आपका विजय, मैं आ रहा हूँ) की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ DMK और केंद्र की BJP दोनों पर जमकर हमला बोला और जनता से किए गए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया।
50 वर्षीय विजय ने भीड़ से संबोधित करते हुए कहा कि तमिलनाडु की जनता ने वर्षों तक बड़े-बड़े वादे सुने हैं, लेकिन हकीकत में उनके जीवन में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ। उन्होंने कहा,
“हम उस DMK को नहीं छोड़ेंगे जो जनता से वादाखिलाफी करती है, और उस BJP को भी नहीं छोड़ेंगे जो लोगों को पीड़ित करती है।”
अभियान की शुरुआत में विजय ने साफ किया कि उनकी पार्टी Tamilaga Vettri Kazhagam (TVK) केवल ऐसे वादे करेगी जो वास्तविकता में पूरे किए जा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जनता को अब खोखले घोषणापत्रों से भ्रमित नहीं किया जा सकता।
उन्होंने शिक्षा, रोजगार, जल संकट और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को अपनी रैली के केंद्र में रखा। विजय ने छात्रों के लिए ऋण माफी, सरकारी नौकरी में महिलाओं के लिए आरक्षण और पुरानी पेंशन योजना की बहाली जैसे कदम उठाने का वादा किया। इसके साथ ही उन्होंने पीने के पानी की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं में फैले भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए।
विजय ने DMK सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उसने अपने चुनावी घोषणापत्र में सैकड़ों वादे किए, लेकिन केवल कुछ ही पूरे हुए। उन्होंने सवाल किया कि जब जनता ने विश्वास कर सत्ता सौंपी थी तो उसके बदले उन्हें अधूरे सपने और बढ़ती परेशानियाँ क्यों मिलीं।
BJP पर निशाना साधते हुए विजय ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसी नीतियाँ थोपने की कोशिश कर रही है जो लोकतंत्र की भावना के खिलाफ हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जनता अब किसी भी तरह की केंद्रीकरण की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी।
विजय ने फरवरी 2024 में अपनी पार्टी Tamilaga Vettri Kazhagam (TVK) की स्थापना की थी। पार्टी का उद्देश्य तमिलनाडु की जनता के लिए एक नया राजनीतिक विकल्प देना है, जो पारंपरिक द्रविड़ राजनीति से हटकर सामाजिक न्याय, पारदर्शिता और व्यावहारिक वादों पर केंद्रित हो।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विजय की लोकप्रियता और फिल्मी करिश्मा उन्हें भीड़ खींचने में मदद करेगा, लेकिन असली चुनौती संगठनात्मक मजबूती और चुनावी रणनीति होगी।
त्रिची में विजय की रैली देखने हजारों लोग जुटे। कई जगह ट्रैफिक जाम और अफरातफरी भी देखी गई। हालांकि इन असुविधाओं के बावजूद भीड़ में जोश और उत्साह स्पष्ट दिखा। कई समर्थकों ने विजय को “जनता की उम्मीद” बताया।
शहर के एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “लोग बदलाव चाहते हैं और विजय में उन्हें नई उम्मीद दिख रही है।”
2026 के विधानसभा चुनावों से पहले विजय का यह अभियान तमिलनाडु की राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है। DMK और AIADMK के बीच दशकों से चल रही राजनीति में विजय तीसरे विकल्प के रूप में उभर सकते हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि विजय अपनी लोकप्रियता को वोटों में बदलने में सफल होते हैं तो यह राज्य की राजनीतिक तस्वीर को बदल सकता है।
अभियान के बाद विजय राज्यभर में दौरों की योजना बना रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी केवल वही वादे करेगी जिन्हें अमल में लाया जा सके। विजय ने यह भी कहा कि यह आंदोलन केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि तमिलनाडु की जनता के जीवन को बदलने के लिए है।