हाईकोर्ट सख्त, सरकार को समय सीमा तय
सड़कों पर जाम, कारोबार ठप
मुंबई: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को आंदोलनकारियों ने मुंबई में भारी हंगामा किया। जगह-जगह सड़कों पर जाम लगाया गया और पर्यटकों तक को रोका गया। व्यापारियों का कहना है कि इस आंदोलन से करोड़ों का नुकसान हो चुका है। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद उसकी निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह सब सरकार की रणनीति का हिस्सा है।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
हालात बिगड़ते देख बॉम्बे हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। अदालत ने प्रदर्शनकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वे सड़कों से तुरंत हटें और केवल आज़ाद मैदान में ही धरना दें। साथ ही राज्य सरकार को समय सीमा के भीतर शहर में सामान्य स्थिति बहाल करने का आदेश दिया गया है।
व्यापारियों की चिंता
हजारों दुकानों और कारोबार पर आंदोलन का असर पड़ा है। कारोबारियों का कहना है कि जिस तरह सड़कों पर यातायात रुका हुआ है और ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं, उससे आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा है। व्यापारिक संगठनों ने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप कर हालात सुधारने की मांग की है।
निष्कर्ष
मराठा आंदोलन का असर सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक स्तर पर भी साफ दिख रहा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेशों पर कितनी तेजी से अमल करती है और हालात सामान्य करती है।