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झारखंड विधानसभा ने SIR के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया: “राज्य के अधिकारों का उल्लंघन”

In Politics
August 27, 2025

विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, केंद्र से पुनर्विचार की मांग

रांची, 13 अगस्त: झारखंड विधानसभा में मंगलवार को सर्वसम्मति से ‘सरकारी निवेशक नियमावली (SIR)’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। सदन ने एक स्वर में इसे राज्य के अधिकारों और आदिवासी समुदाय के हितों के खिलाफ बताया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि SIR के प्रावधान झारखंड की सामाजिक और आर्थिक संरचना को कमजोर कर सकते हैं।

प्रस्ताव का मूल बिंदु

सदन में पेश प्रस्ताव में कहा गया कि SIR के तहत उद्योगों और निवेश को बढ़ावा देने के नाम पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल कर दी गई है। इससे आदिवासियों और मूल निवासियों की ज़मीन पर सीधा असर पड़ेगा। विधानसभा ने केंद्र सरकार से इस नियमावली को वापस लेने या उसमें संशोधन करने की अपील की है।

विधानसभा में राजनीतिक हलचल

प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही दलों ने एकजुटता दिखाई। भाजपा के विधायक भी इस प्रस्ताव के पक्ष में खड़े दिखे। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि झारखंड की पहचान उसकी ज़मीन और संसाधनों से है, ऐसे में किसी भी नीति को थोपना राज्य की अस्मिता के खिलाफ है। कांग्रेस के विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि आदिवासी हितों की रक्षा के लिए पूरे राज्य को एकजुट होना होगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

भाजपा के विधायक भानु प्रताप शाही ने भी प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि झारखंड के अधिकारों का हनन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य के संवेदनशील मुद्दों को समझना होगा और इस नियम पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।

निष्कर्ष

झारखंड विधानसभा का यह प्रस्ताव इस बात का संकेत है कि राज्य की राजनीति में भूमि और संसाधनों को लेकर संवेदनशीलता बेहद गहरी है। SIR के खिलाफ यह एकजुट रुख आने वाले समय में झारखंड और केंद्र सरकार के रिश्तों में नए समीकरण ला सकता है।

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Rajneeti Guru Author