हिंदू संगठनों के दबाव के बीच नायडू सरकार ने निकाला समाधान, तिरुपति मंदिर के पास सिर्फ ओबेरॉय नाम से बनेगा प्रोजेक्ट
पृष्ठभूमि
तिरुपति, 27 अगस्त: आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने तिरुमाला की पहाड़ियों के पास प्रस्तावित लग्ज़री रिसॉर्ट को लेकर चल रहे विवाद को शांत करने का रास्ता निकाल लिया है। दरअसल, हिंदू संगठनों ने इस परियोजना में मुमताज़ होटल्स का नाम जुड़े होने पर कड़ा विरोध जताया था। इसके बाद सरकार ने साफ कर दिया है कि अब यह प्रोजेक्ट केवल ओबेरॉय ग्रुप के नाम से ही आगे बढ़ेगा।
विवाद क्यों हुआ?
पहाड़ियों के नीचे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पहले ओबेरॉय ग्रुप और मुमताज़ होटल्स के संयुक्त उपक्रम को भूमि आवंटित की थी। लेकिन मंदिर के निकट “मुमताज़” नाम को लेकर धार्मिक संगठनों ने आपत्ति जताई और आंदोलन शुरू कर दिया। बढ़ते दबाव के चलते सरकार ने पहले आवंटन रद्द कर दिया था।
सरकार का कदम
स्थिति को संभालने और निवेश बचाने के लिए नायडू सरकार ने नया रास्ता अपनाया। अब प्रोजेक्ट में मुमताज़ होटल्स की कोई भागीदारी नहीं होगी और पूरा रिसॉर्ट सिर्फ ओबेरॉय ग्रुप द्वारा विकसित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सरकार मानती है कि इससे निवेश भी सुरक्षित रहेगा और धार्मिक भावनाओं को ठेस भी नहीं पहुँचेगी।
राजनीतिक हलचल
विपक्षी दलों ने इस प्रकरण को लेकर सरकार पर धार्मिक दबाव में झुकने का आरोप लगाया है। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता निवेश के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और आस्था की रक्षा करना है।
निष्कर्ष
नायडू सरकार का यह निर्णय फिलहाल विवाद को शांत करने में सफल रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे न सिर्फ धार्मिक समूह संतुष्ट होंगे बल्कि राज्य में निवेशकों का भरोसा भी बना रहेगा।
