तिरुवनंतपुरम: केरल की राजनीति में इस समय मतदाता सूची को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने भाजपा सांसद और अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी की लोकसभा जीत पर गंभीर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है।
दरअसल, विवाद की शुरुआत भाजपा नेता के एक बयान से हुई, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि मतदाता सूची में गड़बड़ी की आशंका हो सकती है। इस बयान के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि इसी गड़बड़ी का फायदा उठाकर भाजपा ने चुनावी जीत हासिल की।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कई क्षेत्रों में मतदाता सूची से नाम गायब थे और कई जगह फर्जी वोटिंग की शिकायतें मिलीं। उनका आरोप है कि अगर मतदाता सूची सही होती, तो परिणाम अलग हो सकते थे। विपक्ष ने इस मामले की जांच के लिए स्वतंत्र समिति के गठन की मांग की है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं है। हाल ही में कर्नाटक में भी मतदाता सूची में छेड़छाड़ के आरोपों ने सियासत को गरमा दिया था। वहां भी विपक्ष ने भाजपा पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया था।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर भारतीय चुनावी व्यवस्था की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का कहना है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए चुनाव आयोग को और सख्त कदम उठाने होंगे, वहीं भाजपा का दावा है कि यह कांग्रेस की चुनावी हार को छुपाने की रणनीति है।
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराएगा और चुनाव सुधारों को लेकर बहस तेज हो सकती है।