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उत्तराखंड में ‘फर्जी मतदान’ का तूफान, कांग्रेस का हंगामा; नौ अहम बिल पारित, विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

In Politics
August 21, 2025

कांग्रेस ने दूसरे दिन भी जिला पंचायत चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए किया प्रदर्शन; मदरसा और धर्मांतरण विरोधी बिल ध्वनिमत से पारित

खबर का सार उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त उबाल है। विधानसभा का मानसून सत्र, जो कि कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने के लिए बुलाया गया था, राजनीतिक घमासान का अखाड़ा बन गया। विपक्ष, खासकर कांग्रेस पार्टी, ने जिला पंचायत चुनावों में कथित धांधली का आरोप लगाते हुए दूसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा किया। इस विरोध के चलते विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसी हंगामे के बीच सरकार ने ध्वनिमत से नौ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवा लिया, जिनमें मदरसा और धर्मांतरण विरोधी बिल भी शामिल हैं।

विपक्ष का आरोप और हंगामा विधानसभा सत्र के दूसरे दिन, कांग्रेस के विधायक अपनी सीटों से उठकर वेल में आ गए और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगाने लगे। उनका मुख्य आरोप था कि हाल ही में हुए जिला पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर धांधली की है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ‘यह चुनाव नहीं, बल्कि लोकतंत्र का मजाक था, और हम इस मुद्दे पर सरकार से जवाब चाहते हैं।’ हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और स्पीकर को बार-बार चेतावनी देनी पड़ी।

सरकार की त्वरित कार्रवाई विपक्ष के भारी हंगामे के बावजूद, सरकार ने अपने एजेंडे पर कायम रहते हुए एक के बाद एक नौ विधेयकों को सदन से पारित करा लिया। इनमें ‘उत्तराखंड मदरसा शिक्षा (संशोधन) विधेयक’ और ‘उत्तराखंड धर्मांतरण विरोधी विधेयक’ प्रमुख हैं। चूंकि विपक्ष लगातार नारेबाजी कर रहा था, इसलिए इन विधेयकों पर कोई बहस नहीं हो पाई और इन्हें ध्वनिमत से ही पास कर दिया गया। सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे जानबूझकर हंगामा कर रहे हैं ताकि जनहित के विधेयकों पर चर्चा न हो पाए।

निष्कर्ष उत्तराखंड विधानसभा का यह सत्र कई मायनों में यादगार रहा। एक तरफ, सरकार ने अपनी विधायी ताकत का इस्तेमाल करते हुए महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया, वहीं दूसरी तरफ, विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश की। सत्र का हंगामेदार तरीके से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होना यह दिखाता है कि राज्य में सियासी तनाव अपने चरम पर है, और आने वाले दिनों में यह टकराव और भी तीखा हो सकता है।

 

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Rajneeti Guru Author