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बिहार SIR: चुनाव आयोग ने कहा—“किसी दल ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई”; ज़मीनी कार्यकर्ताओं का दावा—“हमने चिंता जताई थी”

In Politics
August 20, 2025

पटना

बिहार में हाल ही में जारी स्पेशल समरी रिविज़न (SIR) पर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज़ हो गई है। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि किसी भी राजनीतिक दल ने इस प्रक्रिया पर औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं की। वहीं दूसरी ओर, ज़मीनी स्तर पर सक्रिय कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने संभावित अनियमितताओं और खामियों को लेकर अपनी आपत्ति पहले ही जताई थी, मगर उनकी आवाज़ पर गौर नहीं किया गया।

घटना की पृष्ठभूमि

SIR का उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और नए मतदाताओं को जोड़ना है। हालांकि, विपक्षी दलों के कुछ कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कई क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम गायब हैं या सूची में दोहराव की गड़बड़ियां हैं। उनका कहना है कि यह गंभीर मामला है, क्योंकि इसका सीधा असर मतदान प्रतिशत और चुनावी नतीजों पर पड़ सकता है।

विधानसभा में राजनीतिक सरगर्मी

बिहार विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर गर्माहट देखने को मिली। विपक्षी दलों ने सरकार और आयोग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि मतदाता सूची को लेकर उठाई गई शंकाओं की जांच होनी चाहिए। वहीं, सत्तापक्ष ने दावा किया कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं है।

आयोग की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के तहत और सभी राजनीतिक दलों को शामिल करके पूरी की गई। आयोग का कहना है कि अगर किसी को कोई आपत्ति थी, तो उन्हें लिखित रूप से पेश करनी चाहिए थी। चूंकि अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई, इसलिए यह मान लिया गया कि सभी दल इस प्रक्रिया से संतुष्ट हैं।

निष्कर्ष

यह मुद्दा बिहार की सियासत में नया मोड़ ले सकता है। एक तरफ आयोग की यह दलील है कि प्रक्रिया बिना आपत्ति के पूरी हुई, वहीं दूसरी तरफ ज़मीनी कार्यकर्ताओं का दावा है कि उनकी चिंताओं को अनसुना किया गया। फिलहाल, देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद और तूल पकड़ता है या धीरे-धी

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Rajneeti Guru Author