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बिहार में SIR की समयसीमा नज़दीक: पहचान पत्र जमा करने को लेकर लोगों में असमंजस

In Politics
August 17, 2025

“क्या पिता की बैंक पासबुक चलेगी?” – कई मतदाता अनजान, तो कुछ पूरी तरह उलझन में

पटना, 15 अगस्त: बिहार में स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) के तहत पहचान से जुड़े दस्तावेज़ जमा करने की अंतिम तिथि क़रीब है। लेकिन कई मतदाता अभी तक स्पष्ट नहीं हैं कि किन कागज़ात को मान्यता मिलेगी। कहीं लोग पूछ रहे हैं कि क्या पिता की बैंक पासबुक पर्याप्त होगी, तो कहीं मतदाता इस पूरी प्रक्रिया से ही अनजान नज़र आ रहे हैं।

EC का बड़ा अभियान

चुनाव आयोग (EC) ने इस प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए क़रीब 1 लाख स्वयंसेवकों की तैनाती की है। इनमें शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पंचायत सचिव शामिल हैं। इनका काम बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की मदद करना और मतदाताओं को सही कागज़ात तैयार कराने में सहयोग देना है।

ग्रामीण इलाक़ों में सबसे ज़्यादा उलझन

गांवों में कई लोगों को अब भी यह जानकारी नहीं है कि किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत है। कई परिवारों का कहना है कि वे मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ना चाहते हैं, लेकिन सही दस्तावेज़ न होने से परेशान हैं।

BLO की चुनौतियाँ

बूथ लेवल अधिकारियों का कहना है कि उन्हें रोज़ाना सैकड़ों सवालों का सामना करना पड़ रहा है। लोग राशन कार्ड, पासबुक या बिजली बिल लेकर आ रहे हैं और पूछते हैं कि इनमें से क्या चलेगा।

निष्कर्ष

स्पष्ट दिशा-निर्देश न होने से मतदाताओं की दुविधा बढ़ी हुई है। चुनाव आयोग का दावा है कि हर पात्र नागरिक को मतदान का अधिकार दिलाना ही उनका लक्ष्य है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर लोगों में जागरूकता की कमी साफ़ झलक रही है। अब देखना यह होगा कि समय सीमा से पहले कितने लोग प्रक्रिया पूरी कर पाते हैं।

 

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  • राजनीति गुरु न्यूज़ डेस्क अनुभवी पत्रकारों और संपादकों की टीम है, जो सटीक, निष्पक्ष और समय पर राजनीतिक समाचार पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग और गहन विश्लेषण के जरिए पाठकों को सही जानकारी प्रदान करते हैं।

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