
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद पर्यटन और व्यापार पर गंभीर असर पड़ा है। इसी पृष्ठभूमि में संसद की स्थायी समिति ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थानीय हितधारकों को भरोसा दिलाया कि व्यापार और पर्यटन गतिविधियों के पुनरुद्धार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
समिति ने होटल मालिकों, व्यापारी संघों, टूर ऑपरेटरों और स्थानीय निवासियों से बातचीत की। अधिकांश ने बताया कि हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिससे होटलों में बुकिंग लगभग ठप हो गई है और स्थानीय दुकानदारों की आमदनी पर भी असर पड़ा है। इसके साथ ही, राजमार्गों के बंद रहने से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई और घाटी का आर्थिक जीवन धीमा पड़ गया।
समिति की अध्यक्ष ने बैठक के दौरान कहा, “हमारा प्रयास है कि जम्मू-कश्मीर का वाणिज्य और पर्यटन पुनः गति पकड़ सके। समिति ने स्थानीय समस्याओं को समझा है और इन्हें केंद्र तथा राज्य सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि व्यापार और पर्यटन क्षेत्र को फिर से सशक्त बनाया जाए।”
एक अन्य सदस्य ने कहा कि पहलागाम और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन पर निर्भर हजारों परिवारों की रोज़ी-रोटी प्रभावित हुई है। उनका कहना था कि इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार को वित्तीय सहायता, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार और सुरक्षा उपायों पर प्राथमिकता देनी होगी।
पहलागाम जम्मू-कश्मीर का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह अमरनाथ यात्रा का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। हाल ही में हुए हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, जिसके बाद घाटी में भय और असुरक्षा का माहौल फैल गया। नतीजतन, बड़ी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी और क्षेत्र के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका लगा।
पहलागाम की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर आधारित है। यहां के होटल, गेस्टहाउस, रेस्टोरेंट, टैक्सी सेवा और स्थानीय हस्तशिल्प दुकानें पर्यटकों पर निर्भर रहती हैं। हमले के बाद इन क्षेत्रों में कारोबार लगभग ठहर गया, जिससे हजारों लोगों की आय प्रभावित हुई।
समिति ने अपने निरीक्षण में कुछ सुझाव दिए जिनमें शामिल हैं:
-
पर्यटन उद्योग को विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान करना।
-
सड़क और राजमार्गों की सुरक्षा को मजबूत करना ताकि यात्रियों को सुरक्षित आवाजाही मिल सके।
-
पर्यटन स्थलों पर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं उपलब्ध कराना।
-
होटल और टूर ऑपरेटरों के लिए टैक्स में राहत या सब्सिडी की व्यवस्था करना।
-
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रचार अभियान चलाना।
समिति ने यह भी कहा कि प्रभावित व्यापारियों और श्रमिकों के लिए तुरंत राहत पैकेज तैयार करने की जरूरत है ताकि वे आर्थिक संकट से बाहर आ सकें।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि पर्यटन की बहाली तभी संभव है जब सुरक्षा और भरोसा दोनों एक साथ बहाल हों। एक व्यापारी ने कहा, “हमारे लिए सबसे जरूरी है कि पर्यटक खुद को सुरक्षित महसूस करें। जब तक ऐसा नहीं होगा, व्यापार पटरी पर नहीं लौट सकता।”
पर्यटन क्षेत्र से जुड़े एक गाइड ने बताया कि पहले जहां सीज़न में रोज़ाना सैकड़ों पर्यटक आते थे, अब गिने-चुने ही लोग दिखाई देते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार और समिति के प्रयास जल्द असर दिखाएँगे और घाटी में रौनक लौटेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यटन और व्यापार को सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगेगा। आतंकी हमले से उपजी असुरक्षा की भावना तुरंत खत्म नहीं होगी। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर भी कश्मीर की छवि प्रभावित हुई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आने से हिचक रहे हैं।
सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्थानीय लोगों की आर्थिक मदद समय पर पहुँचे और पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाई जाए।
पहलागाम का पर्यटन और व्यापार इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है, लेकिन संसदीय समिति का दौरा और उसके आश्वासन स्थानीय लोगों के लिए उम्मीद की किरण साबित हुआ है। यदि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर ठोस कदम उठाती हैं तो घाटी में पर्यटन और व्यापार दोनों की बहाली संभव है।