
गांधीनगर – एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम के तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने युवा नेता हर्ष सांघवी को गुजरात का नया उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया है। यह फैसला पार्टी की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह राज्य में ऊर्जावान और युवा नेतृत्व को आगे बढ़ा रही है।
सिर्फ 27 साल की उम्र में जब हर्ष सांघवी ने 2012 में गुजरात विधानसभा में प्रवेश किया था, तब से ही उन्होंने खुद को एक ऊर्जावान और जनता से जुड़े नेता के रूप में स्थापित किया। सूरत की माजुरा सीट से लगातार तीन बार विधायक रहने वाले सांघवी अब भाजपा के भीतर संगठन और शासन, दोनों स्तरों पर एक प्रभावशाली चेहरा बन चुके हैं।
सूरत में जन्मे सांघवी ने राजनीति की शुरुआत भाजपा युवा मोर्चा से की थी। समय के साथ, उन्होंने प्रशासनिक दक्षता और जनता से संवाद स्थापित करने की क्षमता के कारण संगठन में अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने युवाओं के लिए कौशल विकास, खेल और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने वाले कई कार्यक्रम शुरू किए, जिससे उन्हें युवा मतदाताओं का व्यापक समर्थन मिला।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि भाजपा का यह कदम राज्य के युवाओं और शहरी मतदाताओं से गहरा जुड़ाव बनाए रखने की दिशा में एक सोचा-समझा निर्णय है। गुजरात, जो देश के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले राज्यों में से एक है, भाजपा की राष्ट्रीय रणनीति में अहम भूमिका निभाता है।
गृह विभाग का प्रभार मिलना इस बात का संकेत है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह — को उन पर पूरा भरोसा है। गृह मंत्रालय राज्य प्रशासन का सबसे संवेदनशील और प्रभावशाली विभाग माना जाता है, और सांघवी का प्रदर्शन आने वाले समय में उनकी नेतृत्व क्षमता का आकलन करेगा।
अपनी नियुक्ति के बाद सांघवी ने कहा, “यह मेरे लिए जिम्मेदारी और सेवा का अवसर है। मैं इसे गुजरात की जनता की सेवा के रूप में निभाऊंगा, ईमानदारी और समर्पण के साथ।”
उनकी यह नियुक्ति गुजरात की राजनीति में एक पीढ़ीगत बदलाव का संकेत भी है। भाजपा अब युवाओं को नेतृत्व की मुख्य भूमिकाओं में आगे बढ़ा रही है। 40 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपना पार्टी की नई रणनीति का हिस्सा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा के लिए हर्ष सांघवी जैसे अनुशासित, संगठित और जनता से जुड़े नेता दीर्घकालिक नेतृत्व का मजबूत आधार बन सकते हैं। उनके पास संगठनात्मक अनुभव, युवा मतदाताओं से जुड़ाव और शीर्ष नेतृत्व का विश्वास — तीनों तत्व मौजूद हैं जो किसी भी बड़े नेता के निर्माण की नींव होते हैं।
जैसे-जैसे गुजरात आने वाले चुनावों की तैयारी कर रहा है, सभी की निगाहें अब हर्ष सांघवी पर टिकी हैं — जो अब न केवल युवाओं की आवाज़ बनकर उभर रहे हैं, बल्कि एक ऐसे प्रशासक के रूप में भी देखे जा रहे हैं जो बदलाव और निरंतरता दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।