लोकसभा में बुधवार को कार्यवाही के दौरान एक अप्रत्याशित विवाद तब भड़क उठा जब भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बिना नाम लिए आरोप लगाया कि एक सांसद सदन के भीतर ई-सिगरेट का उपयोग करते देखा गया। यह आरोप लगते ही वातावरण तनावपूर्ण हो गया, क्योंकि भारत में ई-सिगरेट का प्रयोग वर्ष 2019 के ‘ई-सिगरेट प्रतिबंध अधिनियम’ के तहत पूरी तरह निषिद्ध है।
कुछ ही देर में दो केंद्रीय मंत्रियों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय पर संसद परिसर में धूम्रपान करने के आरोपों पर टिप्पणी की। हालांकि, उन्होंने भी सीधे यह नहीं कहा कि वही वह सांसद थे जिन पर सदन के भीतर वेपिंग का संदेह है। आरोपों के इस आदान-प्रदान ने भाजपा और टीएमसी के बीच बढ़ती राजनीतिक खाई को और गहरा कर दिया।
लोकसभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि यदि कोई औपचारिक शिकायत दी जाती है, तो स्पीकर इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांग सकते हैं। सदन में धूम्रपान या वेपिंग की पुष्टि होने पर इसे संसद की मर्यादा और आचरण नियमों का उल्लंघन माना जा सकता है। फिलहाल, किसी प्रकार का आधिकारिक प्रमाण सामने नहीं आया है जो इस आरोप को सिद्ध करता हो।
टीएमसी ने इन आरोपों को “निराधार” बताते हुए कहा कि यह उनकी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश है। पार्टी का कहना है कि यह विवाद महत्वपूर्ण विधायी मुद्दों से ध्यान हटाने के उद्देश्य से पैदा किया गया है। वहीं भाजपा इसे बंगाल में शासन और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को उठाने का एक और अवसर मान रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि संसद में होने वाली छोटी घटनाएँ भी चुनावी माहौल में बड़े राजनीतिक मुद्दे बन जाती हैं। कोलकाता के राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर अनिंद्य घोष ने कहा, “संसद के भीतर हुआ कोई भी टकराव तुरंत राजनीतिक हथियार बन जाता है, खासकर बंगाल जैसे राज्य में, जहाँ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा बेहद तीव्र है।”
हाल के महीनों में दोनों दल कई मुद्दों पर आमने-सामने रहे हैं — केंद्र द्वारा धन आवंटन से लेकर राज्य की कानून-व्यवस्था तक। ऐसे में वेपिंग विवाद ने मौजूदा तनाव को और तेज कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना संसद में आचरण नियमों के पालन और सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को भी उजागर करती है।
फिलहाल यह विवाद और बढ़ने की संभावना है, विशेषकर यदि दोनों में से कोई दल इसे औपचारिक रूप से आगे ले जाता है। चुनावी मौसम के नजदीक आने के साथ, भाजपा और टीएमसी इस मुद्दे के राजनीतिक प्रभाव का उपयोग अपने-अपने आधार को मजबूत करने में कर सकते हैं।
