2023 में तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद सरकार का बड़ा कदम
नई दिल्ली: केंद्र सरकार अब संवैधानिक संशोधन विधेयक लाने जा रही है, जिसके तहत उन मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान किया जाएगा जो भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाते हैं। इस कदम को सरकार ने लोकतांत्रिक व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है।
विवाद की पृष्ठभूमि
2023 में तमिलनाडु की डीएमके सरकार के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद भी वह कैबिनेट मंत्री बने रहे, जिससे व्यापक विवाद खड़ा हुआ और संवैधानिक एवं राजनीतिक बहस शुरू हो गई।
संसद में राजनीतिक गरमाहट
विधेयक पेश किए जाने से पहले ही संसद में विपक्षी दलों ने इसे लेकर चर्चा तेज कर दी है। विपक्ष का कहना है कि यह कदम राज्यों की स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है, जबकि सत्ता पक्ष का दावा है कि यह लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख बचाने और good governance सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए भ्रष्टाचार में घिरे मंत्रियों का पद पर बने रहना ठीक नहीं है। वहीं, संवैधानिक विशेषज्ञों ने इसे पारदर्शिता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है, लेकिन साथ ही चेतावनी दी है कि इसका दुरुपयोग रोकने के लिए ठोस कानूनी प्रावधान जरूरी होंगे।
निष्कर्ष
संविधान संशोधन विधेयक पर बहस से यह साफ है कि आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यदि यह विधेयक पारित होता है, तो यह न केवल राजनीतिक शुचिता की दिशा में अहम साबित होगा, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश भी देगा।