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संगोत्तैयन की एकता अपील से AIADMK में बढ़ी दरार

In Politics
September 07, 2025
rajneetiguru.com संगोत्तैयन की एकता अपील से AIADMK में बढ़ी दरार। Image Credit – The Economic Times

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) में एकता की पुकार ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। वरिष्ठ नेता के. ए. संगोत्तैयन ने पार्टी महासचिव एडप्पाडी के. पलानिस्वामी (EPS) को चेतावनी दी है कि यदि 10 दिनों के भीतर ओ. पन्नीरसेल्वम (OPS) और वी.के. सासिकला जैसे निष्कासित नेताओं को वापस नहीं लाया गया, तो कार्यकर्ता स्वयं एकजुट होकर नई राह चुन सकते हैं।

संगोत्तैयन का यह बयान ऐसे समय आया है जब पार्टी हाल के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी हार झेल चुकी है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच यह विश्वास बढ़ रहा है कि लगातार हार की वजह आंतरिक कलह है और इस स्थिति में एकता ही जीत का रास्ता खोल सकती है।

संगोत्तैयन के इस अल्टीमेटम पर EPS ने सख़्त कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। यही नहीं, उनके करीबी समर्थकों को भी संगठन से बाहर कर दिया गया। इस कदम ने पार्टी के भीतर और ज़्यादा असंतोष पैदा कर दिया है।

OPS ने इस कार्रवाई को “तानाशाही” बताते हुए कहा कि जनता समय आने पर EPS को सबक सिखाएगी। वहीं, सासिकला ने संगोत्तैयन का समर्थन करते हुए कहा कि “DMK को हराने के लिए हर कार्यकर्ता को एकजुट होना होगा, और एक मज़बूत AIADMK ही तमिलनाडु में बदलाव ला सकता है।”

AIADMK के सहयोगी दल भाजपा ने संगोत्तैयन की पहल का स्वागत किया। भाजपा राज्य अध्यक्ष नैनार नागेन्द्रन ने कहा कि यदि सभी नेता और कार्यकर्ता साथ आ जाएं, तो DMK सरकार को हटाना मुश्किल नहीं होगा। हालांकि भाजपा ने EPS द्वारा की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को पार्टी का आंतरिक मामला बताया।

AIADMK कैडर में इस समय एकता को लेकर गहरी इच्छा देखी जा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता आर. वैथिलिंगम ने कहा कि “करीब 99 प्रतिशत कार्यकर्ता चाहते हैं कि दिसंबर तक पार्टी एकजुट हो।” कार्यकर्ताओं का मानना है कि केवल संगठित होकर ही AIADMK फिर से अपनी खोई ताक़त पा सकती है।

AIADMK की स्थापना 1972 में एम.जी. रामाचंद्रन ने की थी और जयललिता के नेतृत्व में पार्टी ने अपनी ऊँचाई हासिल की। लेकिन जयललिता के निधन के बाद से पार्टी में नेतृत्व संघर्ष लगातार बढ़ता गया। EPS और OPS के बीच मतभेद गहरे होते गए, वहीं सासिकला और दिनाकरण ने भी अलग धड़े बनाकर संगठन की एकता को और चुनौती दी।

सुप्रीम कोर्ट ने EPS को पार्टी का वैध महासचिव माना है, लेकिन पार्टी के भीतर असंतोष और गुटबाज़ी अब भी पूरी तरह ख़त्म नहीं हो पाई है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2026 के विधानसभा चुनाव में DMK को चुनौती देने के लिए AIADMK को किसी भी हालत में एकजुट होना होगा। संगोत्तैयन की अपील से पार्टी के भीतर एक नए विमर्श की शुरुआत हुई है। अब देखना यह होगा कि EPS सुलह की राह चुनते हैं या सख़्त रुख अपनाते हुए दरार को और गहरा करते हैं।

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  • नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
    दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

    मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
    हमेशा सीखते रहना और आगे बढ़ना — यही मेरा जीवन और लेखन का मंत्र है।

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नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
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