तेलंगाना और कर्नाटक ने निवेश आवंटन में भेदभाव का लगाया आरोप
नई दिल्ली, 14 अगस्त: केंद्र सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश में सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई को मंजूरी देने के फैसले ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। कई विपक्ष शासित राज्यों ने आरोप लगाया है कि निवेश आवंटन में एनडीए शासित राज्यों को तरजीह दी जा रही है। उनका कहना है कि इस फैसले से औद्योगिक निवेश का संतुलन बिगड़ रहा है और क्षेत्रीय असमानता बढ़ सकती है।
फैसले की पृष्ठभूमि
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश में अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र की स्थापना को हरी झंडी दी। यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। लेकिन फैसले के तुरंत बाद ही तेलंगाना और कर्नाटक ने आपत्ति जताई।
राज्यों का रोष
तेलंगाना सरकार का कहना है कि उसने इस परियोजना के लिए प्रमुख स्थान, बेहतर बुनियादी ढांचा और आकर्षक सब्सिडी पैकेज की पेशकश की थी, लेकिन फिर भी केंद्र ने उनकी अनदेखी की। वहीं कर्नाटक ने आरोप लगाया कि निवेशक प्रारंभिक रुचि दिखाने के बावजूद परियोजना को भाजपा शासित राज्यों की ओर मोड़ दिया गया।
केंद्र का रुख
केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि परियोजना का चयन तकनीकी मूल्यांकन और निवेशकों की व्यावसायिक प्राथमिकताओं के आधार पर हुआ है, इसमें किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हुआ। उनका मानना है कि आंध्र प्रदेश में उपलब्ध बंदरगाह, बिजली आपूर्ति और औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना की सफलता के लिए अनुकूल हैं।
निष्कर्ष
सेमीकंडक्टर जैसे रणनीतिक उद्योग पर यह विवाद न सिर्फ राजनीतिक गर्मी बढ़ा रहा है, बल्कि यह आने वाले समय में राज्य-केंद्र संबंधों और औद्योगिक नीति पर भी असर डाल सकता है। विपक्षी दल इसे क्षेत्रीय भेदभाव का उदाहरण बता रहे हैं, जबकि केंद्र का दावा है कि यह पूरी तरह व्यावसायिक निर्णय है।