विपक्षी दलों को जोड़ने में जुटी कांग्रेस
पटना में होगा यात्रा का अंतिम पड़ाव
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बहुचर्चित ‘वोट अधिकार यात्रा’ का समापन अब पटना में एक बड़े मार्च के साथ होने जा रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला न सिर्फ प्रतीकात्मक है बल्कि रणनीतिक भी है। बिहार की राजधानी पटना लंबे समय से राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र रही है, ऐसे में कांग्रेस इसे विपक्षी एकजुटता का मंच बनाना चाहती है।
विपक्षी दलों को न्योता
कांग्रेस ने संकेत दिया है कि इस मार्च में ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दलों को भी आमंत्रित किया जाएगा। पार्टी का मानना है कि इस कदम से एक मजबूत संदेश जाएगा कि कांग्रेस विपक्षी खेमे में सबको साथ लेकर चलना चाहती है। राहुल गांधी लगातार इस यात्रा के दौरान संविधान प्रदत्त मतदान अधिकार को बचाने की बात करते रहे हैं।
रणनीतिक महत्व
कांग्रेस रणनीतिकारों का कहना है कि पटना मार्च से एकजुटता और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा का संदेश जाएगा। पार्टी को उम्मीद है कि इससे न केवल विपक्ष का मनोबल बढ़ेगा बल्कि जनता के बीच यह संदेश भी पहुंचेगा कि कांग्रेस जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है।
निष्कर्ष
‘वोट अधिकार यात्रा’ के जरिये राहुल गांधी लगातार यह दावा कर रहे हैं कि मौजूदा सत्तारूढ़ दल लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। पटना मार्च के साथ कांग्रेस इस संदेश को और तेज़ करने की तैयारी में है। पार्टी का मानना है कि यह कदम 2024 के चुनावी माहौल में विपक्षी दलों की साझा ताकत को सामने लाने का काम करेगा।
