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राजस्थान बाढ़: मुख्यमंत्री आज करेंगे उच्च-स्तरीय बैठक

In Politics
September 07, 2025
RajneetiGuru.com - राजस्थान बाढ़ मुख्यमंत्री आज करेंगे उच्च-स्तरीय बैठक - Ref by NDTV

राजस्थान पिछले कई दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के बाद गंभीर बाढ़ की स्थिति से जूझ रहा है। बारिश ने राज्य के बड़े हिस्से को जलमग्न कर दिया है, फसलों को नुकसान पहुँचाया है और सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई बांधों के ओवरफ्लो होने और नदियों के उफान पर होने के कारण, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार शाम को जयपुर में संकट की समीक्षा करने और एक व्यापक प्रतिक्रिया रणनीति तैयार करने के लिए एक उच्च-स्तरीय आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

सप्ताहांत में स्थिति बिगड़ने के बाद से राज्य सरकार हाई अलर्ट पर है। पिछले तीन दिनों से, जिलों के प्रभारी मंत्री और सचिव जमीनी स्तर पर सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का प्रत्यक्ष आकलन कर रहे हैं। उम्मीद है कि वे मुख्यमंत्री को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे, जो शाम 5:30 बजे होने वाली समीक्षा बैठक में चर्चा का आधार बनेगी।

इस उच्च-स्तरीय बैठक के एजेंडे में राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाना, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और प्रभावितों के लिए एक राहत पैकेज को अंतिम रूप देना शामिल है। सरकार ने पहले ही आश्वासन दिया है कि जिन किसानों ने अपनी फसलें खो दी हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा और जिन परिवारों को जान-माल का नुकसान हुआ है, उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

पूरे राज्य में मंत्री राहत कार्यों का जायजा लेते देखे गए। दौसा में, कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जलमग्न खेतों का सर्वेक्षण किया और व्यापक कृषि विनाश को स्वीकार किया। राठौड़ ने कहा, “इस क्षेत्र में बाजरे की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है, और कुल मिलाकर खेती का बड़ा नुकसान हुआ है। हमने किसानों को आश्वासन दिया है कि जिला अधिकारियों द्वारा अंतिम रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद उन्हें पूरा मुआवजा मिलेगा।”

इसी तरह, उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने भीलवाड़ा की अपनी यात्रा के दौरान जिला कलेक्ट्रेट में एक समीक्षा बैठक की और निवासियों को आश्वासन दिया कि फसल और संपत्ति के नुकसान का गहन आकलन शीघ्रता से किया जाएगा। सीकर में, जिले के प्रभारी मंत्री संजय शर्मा ने कोटड़ी धायलान और सुजावास सहित कई गांवों का दौरा किया, और बाजरा, मूंग और मोठ की फसलों को हुए नुकसान का निरीक्षण करने के लिए जलमग्न खेतों से गुज़रे और अधिकारियों को तत्काल राहत उपायों में तेजी लाने का निर्देश दिया।

इस वर्ष का मानसून बड़े पैमाने पर शुष्क रहने वाले इस राज्य के लिए विशेष रूप से तीव्र रहा है। वर्तमान जलप्रलय का कारण एक लगातार बना हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र है, जिससे व्यापक और भारी वर्षा हो रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, कई जिलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है, जिससे बांध अपनी अधिकतम क्षमता तक पहुँच गए हैं और अधिकारियों को गेट खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है।

राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि बचाव कार्यों के लिए कई टीमों को तैनात किया गया है, जो निचले इलाकों से लोगों को निकाल रही हैं और उन्हें अस्थायी आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान कर रही हैं। विभिन्न जिलों से घरों के ढहने, सड़कों के बह जाने और वाहनों के बह जाने की खबरें सामने आई हैं।

विशेषज्ञ इस मौसम की घटना की चरम प्रकृति को एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में देखते हैं। IMD के जयपुर केंद्र के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश शर्मा बताते हैं, “तीव्र वर्षा का वर्तमान दौर इस क्षेत्र पर एक स्थायी मानसूनी ट्रफ के कारण है, जो अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से भारी नमी खींच रहा है। हालांकि हम अगले 48 घंटों में बारिश की तीव्रता में कमी की उम्मीद करते हैं, लेकिन संतृप्त जमीन और उफनते जलाशयों के कारण बाढ़ का खतरा गंभीर बना हुआ है।”

जैसे ही राज्य प्रशासन शाम की महत्वपूर्ण बैठक की तैयारी कर रहा है, सभी की निगाहें सरकार पर एक मजबूत और समयबद्ध राहत योजना की घोषणा करने पर टिकी हैं। आने वाले दिन न केवल तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए, बल्कि राजस्थान की कृषि अर्थव्यवस्था पर इस विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के दीर्घकालिक आर्थिक प्रभाव का आकलन करने के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे।

Author

  • Anup Shukla

    अनूप शुक्ला पिछले तीन वर्षों से समाचार लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से समसामयिक घटनाओं, स्थानीय मुद्दों और जनता से जुड़ी खबरों पर गहराई से लिखते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, तथ्यपरक और पाठकों से जुड़ाव बनाने वाली है। अनूप का मानना है कि समाचार केवल सूचना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता फैलाने का माध्यम है। यही वजह है कि वे हर विषय को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझते हैं और सटीक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जनसमस्याओं जैसे कई विषयों पर प्रकाश डाला है। उनके लेख न सिर्फ घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि उन पर विचार और समाधान की दिशा भी सुझाते हैं। राजनीतिगुरु में अनूप शुक्ला की भूमिका है — स्थानीय और क्षेत्रीय समाचारों का विश्लेषण, ताज़ा घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग, जनसरोकार से जुड़े विषयों पर लेखन, रुचियाँ: लेखन, यात्रा, फोटोग्राफी और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा।

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अनूप शुक्ला पिछले तीन वर्षों से समाचार लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से समसामयिक घटनाओं, स्थानीय मुद्दों और जनता से जुड़ी खबरों पर गहराई से लिखते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, तथ्यपरक और पाठकों से जुड़ाव बनाने वाली है। अनूप का मानना है कि समाचार केवल सूचना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता फैलाने का माध्यम है। यही वजह है कि वे हर विषय को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझते हैं और सटीक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जनसमस्याओं जैसे कई विषयों पर प्रकाश डाला है। उनके लेख न सिर्फ घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि उन पर विचार और समाधान की दिशा भी सुझाते हैं। राजनीतिगुरु में अनूप शुक्ला की भूमिका है — स्थानीय और क्षेत्रीय समाचारों का विश्लेषण, ताज़ा घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग, जनसरोकार से जुड़े विषयों पर लेखन, रुचियाँ: लेखन, यात्रा, फोटोग्राफी और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा।

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