मई 19, 2024

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राजनीति गुरु: 6500 करोड़ रुपये के कर्ज का निपटारा, यस बैंक की एआरसी और सुभाष चंद्रा के बीच इन शर्तों पर बनी बात – मनी कंट्रोल

राजनीति गुरु: 6500 करोड़ रुपये के कर्ज का निपटारा, यस बैंक की एआरसी और सुभाष चंद्रा के बीच इन शर्तों पर बनी बात – मनी कंट्रोल

यस बैंक की एसेट रीकंस्ट्रक्शन इकाई जेसी फ्लावर्स एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी और मीडिया मुगल सुभाष चंद्रा के बीच दो साल से चल रहा विवाद समाप्ति की तरफ है। जेसी फ्लावर्स ने यस बैंक के 6500 करोड़ रुपये के कर्ज का 75% हेयरकट कर दिया है। समझौते के तहत, जेसी फ्लावर्स को सिर्फ 1,500 करोड़ रुपये चुकाने हैं और इसके बाद उनके पास अपनी नियंत्रण वापसी की संपत्ति होगी। सेटलमेंट की शर्तों के मुताबिक, जेसी फ्लावर्स को 30 दिनों के भीतर 15 फीसदी शर्त का पालन करना होगा, बाकी 85 फीसदी हिस्सा उन्हें अगले 6 महीने में चुकाना होगा। सुभाष चंद्रा पर यह लोन यस बैंक की देनदारी थी, जिसे वह जेसी फ्लावर्स के माध्यम से सेटल कर रहे हैं। पिछले साल दिसंबर 2022 में, यस बैंक ने जेसी फ्लावर्स को 48 हजार करोड़ रुपये के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स को 11183 करोड़ रुपये में ट्रांसफर कर दिया था। सुभाष चंद्रा के कर्ज का भी हिस्सा इसमें शामिल था, जो एनपीए बन गया था। इस समझौते के बाद, डिश टीवी, जी लर्न और सेंट्रल दिल्ली में एक बंगला समेत तीन प्रॉपर्टीज पर सुभाष चंद्रा को अपना नियंत्रण फिर से मिल जाएगा।

नई दिल्ली, राजनेति गुरु- यस बैंक और जेसी फ्लावर्स एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा चल रहे विवाद अब अंत हो गया है। दो वर्षों से चल रहे इस विवाद का कारण था जेसी फ्लावर्स ने 6500 करोड़ रुपये के कर्ज का 75 प्रतिशत हेयरकट कर दिया था। इसके तहत, यस बैंक को सिर्फ 1500 करोड़ रुपये वसूलने हैं और इसके उपरांत उन्हें अपनी संपत्ति की वापसी होगी। यह विवाद संप्रभु इंडिया के मीडिया मुगल श्री सुभाष चंद्रा के साथ झगड़े के चलते उठा था। इस समझौते के मुताबिक, जेसी फ्लावर्स को 30 दिनों के भीतर 15 प्रतिशत का भुगतान करना होगा, बाकी 85 प्रतिशत हिस्सा वह अगले 6 महीनों में चुकाना होगा। सुभाष चंद्रा की ओर से इसमें दिए गए ऋण का भुगतान किया जा रहा है, जिसका जिम्मा जेसी फ्लावर्स के ऊपर था। पिछले साल दिसंबर 2022 में, जेसी फ्लावर्स को 48 हजार करोड़ रुपये के गैर-फलन राशि को 11183 करोड़ रुपये में सौंप दिया गया था। यद्यपि इसमें सुभाष चंद्रा का हिस्सा था, लेकिन यह कर्ज उनके द्वारा जेसी फ्लावर्स के माध्यम से चुकाया गया था। समझौते के बाद, सुभाष चंद्रा को अपनी बिगड़ी हुई देनदारी वापस मिल गई है और वह अपने नियंत्रण में आने वाली तीन प्रॉपर्टीज, जैसे कि डिश टीवी, जी लर्न और सेंट्रल दिल्ली में स्थित बंगले पर पुनः नियंत्रण प्राप्त करेंगे।

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यह समझौता यस बैंक और जेसी फ्लावर्स के बीच अच्छी तरह से चला था और अब एक पक्का समझौता हुआ है जिससे यस बैंक का भी भरोसा मजबूत हुआ है कि उन्हें उनकी देनदारी वापस मिल जाएगी। जेसी फ्लावर्स ने एक मात्रा में 75 प्रतिशत का हेयरकट कर दिया है, जिससे उन्हें अपने कर्ज का एक अच्छा हिस्सा वसूल हो गया है। इस समझौते के अनुसार, जेसी फ्लावर्स को अपना कर्ज 6 महीनों के अंदर चुकाना होगा और उसके बाद वह अपनी संपत्तियों के नियंत्रण को वापस पा सकेंगे। इसके अलावा, जेसी फ्लावर्स को 30 दिनों के भीतर 15 प्रतिशत की शर्त का पालन करना होगा और बाकी 85 प्रतिशत भुगतान को उन्हें 6 महीनों के बाद करना होगा। यस बैंक की इस एसेट रीकंस्ट्रक्शन इकाई के माध्यम से इस ऋण देन की प्रक्रिया चलती रही थी और अब इसका समापन हुआ है। जेसी फ्लावर्स के सहयोग के बाद, सुभाष चंद्रा को बाँगला, दिल्ली और उनके मीडिया कंपनियों पर पुनः नियंत्रण प्राप्त होगा।

इस समय, जेसी फ्लावर्स और सुभाष चंद्रा के बीच यह संज़ोजन सम्पूर्ण रूप से सम्पन्न हो रहा है। यह समझौता उपयुक्त समय पर होने का मतलब है और यस बैंक को अपनी संपत्तियों को वापस मिलने की उम्मीद कर सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस समझौते से यस बैंक की मुद्रास्फीति को काफी लाभ भी पहुँचेगा। अगले कुछ महीनों में यस बैंक की स्थिति को सुधार करने की उम्मीद क