फिरोजाबाद में डेंगू से बालिका की मौत के बाद अधिकारियों ने गांव का निरीक्षण किया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में 4 टीमें लगाई गईं और एक विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान डीएम डॉक्टर उज्जवल कुमार, डीपीआरओ नीरज सिन्हा, सीएमओ डॉक्टर राम बदन समेत अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
इस निरीक्षण के दौरान पता चला कि गांव के कई घरों में बुखार से पीड़ित लोग हैं और कई घरों में चूल्हे तक नहीं जल रहे हैं। जब अधिकारी अपनी रिपोर्ट पेश कर पहुंचे तो उन्होंने यह बताया कि गांव में अभी तक कई मामले आए थे जहां उच्च स्तर का डेंगू वायरस मिला था।
एक अधिकारी ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे इस बीमारी को भगाने में प्रशासन की मदद करें। शौचालयों के साफ़-सफ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाए और जलवायु सम्बंधी बदलते मौसम के अनुरूप एनटी-Mosquito की दवाएं प्राप्त करें।
मुख्यमंत्री ने भी इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा है कि आवश्यकता होने पर गांव में सत्र की बैठक बुलाई जाएगी ताकि अधिकारी और ग्रामीण समन्वय कर सकें। इसके अलावा जनसूचना कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे जहां लोगों को डेंगू के बारे में जागरूक किया जाएगा। इन सब के अलावा विभिन्न जन संगठनों की मदद से भी इस बीमारी को नश्त किया जाएगा।
गांव के लोगों को डेंगू से जुड़ी जानकारी और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता देने की जरूरत है। सभी निम्नतम नियमों का पालन करना, घर और आसपास जगह को साफ़ रखना और मच्छरों को रोकने के उपाय अपनाना इस बीमारी को रोकने में मदद करेगा।
इस बीमारी से लड़ाई में केवल प्रशासन और अधिकारियों की ही जिम्मेदारी नहीं है, ग्रामीणों की भी अहमियत है। इसलिए हम सबको इस जंग में आगे आकर इस बीमारी से लड़ने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। इसमें सबका हाथ होना आवश्यक है।
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