सामाजिक और वातावरणिक मुद्दों के बीच, दिल्ली एक बार फिर से अपने प्रदूषण समस्याओं से जूझ रहा है। शहर में आंधी की तरह आ गयी हैं स्मॉग की ये बहार। आधिकारिक डेटा के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में चौंकाने वाली वृद्धि दर्ज की गई है।
सुबह की धुआंधार माहौल के कारण, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि लोगों को अपने घर से बाहर निकलने से पहले प्रदूषण मापक उपकरण का उपयोग करना चाहिए। यह उपकरण इंटरनेट के माध्यम से संघ के वेबसाइट से भी खरीदा जा सकता है।
साथ ही, दक्षिणी हरियाणा और पंजाब क्षेत्र में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली भी प्रदूषण को और भी बढ़ा रही है। इस वजह से नहीं सिर्फ दिल्ली, बल्कि पूरे आसपासी क्षेत्र में भी प्रदूषण के स्तर में विशेष गतिविधि देखने को मिलती है।
इसके अलावा, टायर फैक्ट्रीज से निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रहा है। हालांकि, प्रदूषण के कारणों की एक बड़ी श्रृंखला में, सुहावने मौसम के कारण इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
श्वास एवं दमा की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार, इस समय अधिक प्रदूषण के कारण श्वास के संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए, प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए और श्वास रोगियों के लिए अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।
ये सभी तथ्य दिखाते हैं कि दिल्ली के पास AQI स्तर आंखों और श्वास संबंधित रोगों के मरीजों की संख्या को नई चिंता की ओर ले जा रहा है। इस समस्या का हल बेहतर और सावधानियों के पालन पर ध्यान देकर प्रतिबन्धित हो सकता है।
समाज को इस प्रदूषण की सामस्या से बाहर निकलने के लिए सहयोगी और व्यापक उपाय बनाने की आवश्यकता है। सरकार के साथ साथ, व्यक्तिगत स्तर पर भी हर व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी चाहिए और स्वयं को प्रदूषण से दूर रखने का संकल्प लेना चाहिए। आज ही से हमें मिलकर ये प्रदूषण के खिलाफ जंग लड़नी चाहिए और स्वयं के व वातावरण के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का प्रयास करना होगा।
– Author, राजनीति गुरु
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