विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 43,800 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। यह एक बड़ी खबर है और यह दर्शाती है कि विदेशी निवेशक भारत के बाजार में बहुत आकर्षक देख रहे हैं।
एफपीआई के निवेश का आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि एफपीआई ने अपने निवेश क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है। उनका निवेश अब कंपनी के लिए एक प्रमुख स्रोत बन रहा है।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि एफपीआई का प्रवाह मजबूत और व्यापक है। हालांकि, आंकड़ों के माध्यम से यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम स्थिति क्या होगी। क्योंकि बाजार विश्लेषकों ने बताया है कि ऐसे आंकड़ों ने पहले भी दिखाई दिए हैं, लेकिन उन्होंने भविष्यवाणी की है कि एफपीआई के निवेश का प्रवाह और बढ़ सकता है।
एफपीआई ने इस महीने 43,804 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह एक और बड़ी संख्या है और यह देखने में आता है कि एफपीआई के निवेश का प्रवाह बिल्कुल रुका हुआ नहीं है। यह तीसरा महीना है जबकि एफपीआई का निवेश का आंकड़ा 40,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
एफपीआई ने मई और जून में भी शेयरों में भारी निवेश किया है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि एफपीआई यहां विश्वसनीय निवेश अवसर देख रही है और उन्होंने यह बात तस्वीर में बदलते हुए दिखाई है कि वे निवेश को मजबूती से बढ़ाने के इरादे रखते हैं।
एफपीआई ने अवधि में शेयरों के अलावा बॉन्ड और ऋण बाजार में भी निवेश किया है। यह एक बड़ी सूचना है क्योंकि इससे पता चलता है कि एफपीआई निवेश विकल्पों का समुचित उपयोग करके सत्यापित कर रही है और अपने मार्ग को सुरक्षित और दिग्भ्रंश मुक्त बना रही है।
जैसा कि दिखाई दे रहा है, एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में बहुत बड़ा निवेश किया है और इससे यह साबित होता है कि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वसनीयता और विश्वास दिखाया है। इसके बाद आपको यह अद्यतन देखने के लिए तैयार रहना चाहिए कि एफपीआई के निवेश का प्रवाह कैसे आगे बढ़ता है और क्या इससे उनके निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ता है। आपके राजनीतिक गुरु पर, यह सभी ताजगी और महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी।
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