गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से AFSPA को वापस लेने का विचार करेगी, जिससे यहाँ की नागरिकों को भी नए उम्मीद की किरण दिखाई देगी। उन्होंने इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया कि सरकार की योजना है कि सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था को जम्मू-कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की है।
गृह मंत्री ने इस बारे में सवालों के जवाब में भी कहा कि AFSPA को हटाने की भी सोच रहे हैं। इससे पहले ओबीसी को मोदी सरकार ने आरक्षण दिया है और महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण भी दिया गया है। शाह ने सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करने की योजना बताई।
AFSPA को छीनने के लिए जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में मांग बढ़ रही है। AFSPA से सुरक्षा बलों को असीमित अधिकार मिलते हैं, जैसे गिरफ्तारी करने और गोली चलाने का अधिकार। AFSPA के अंतर्गत अशांत क्षेत्रों को त्रिपुरा में 2015 में और मेघालय में 2018 में हटा दिया गया था।
अमित शाह ने कहा कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है और सभी को इसे बचाने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में AFSPA को हटाने का विचार किया जा रहा है, जिससे वहाँ की जनता को भी विकास की राह पर आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
इसके साथ ही, ऐसे समय में जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, इस तरह के निर्णय सरकार के विकास और सुरक्षा के मामलों में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
इससे सम्बंधित बातचीत जारी रहेगी और इसमें जल्द ही नया रुख आ सकता है। ‘राजनीति गुरु’ की तरफ से सभी विश्वासहीन पाठकों को जानकारी दी जाती रहेगी।
More Stories
इंदौर कांग्रेस उम्मीदवार: इंदौर लोकसभा सीट पर भी सूरत की तरह खेला? आखिरी दिन कांग्रेस उम्मीदवार ने नॉमिनेशन लिया वापस – नवभारत टाइम्स
अरविंद केजरीवाल: सीएम केजरीवाल से नहीं मिल सकेंगी पत्नी सुनीता; 30 अप्रैल को सीएम भगवंत मान करेंगे मुलाकात – राजनीति गुरु
दिल्ली समाचार: AAP के कैंपेन सॉन्ग को रोक, आतिशी ने कहा- आप नेता सांस भी लें तो नोटिस आ जाते हैं – ज़ी न्यूज़ हिंदी