एस्पार्टेम से मनुष्यों को कैंसर का खतरा है, इस बारे में अब विवाद छिड़ा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी की एक रिपोर्ट में बताया है कि एस्पार्टेम से नकली मीठे का उपयोग कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
इस रिपोर्ट ने शुगर के विकल्पों पर भी एक नयी चिंता का संदेश दिया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर भलीभाँति सुरक्षित है और इसके कोई नुकसान की पुष्टि नहीं की गई है।
एस्पार्टेम को कई देशों ने मंजूरी दी है, भारत भी इसमें शामिल है। इसके बावजूद, मधुमेह और मोटापे के मामलों में वैश्विक वृद्धि के कारण लोग इस्तेमाल कर रहे हैं शुगर के विकल्प।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस विवाद को समझने के लिए और और अधिक शोध की जरुरत है। एस्पार्टेम और कैंसर के संबंध के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर सवाल उठे हैं, जिसे कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि सबूत कम हो सकते हैं। इस रिपोर्ट की एक सीमा है कि यह सिर्फ अनुमान पर आधारित है और आखिरी निष्कर्ष अभी तक नहीं निकाला जा सका है।
इस विवाद में वैज्ञानिकों की राय भी विभाजित है। कुछ कहते हैं कि एस्पार्टेम का सीधा कोई संबंध कैंसर से नहीं है, जबकि अन्य इसकी सम्भावित खतरे की चिंता कर रहे हैं। अब यह देखना है कि आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या परिणाम होता है।
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