मार्च में अमेरिकी रिटेल महंगाई अधिक रही, उम्मीद से ज्यादा महंगाई और फेडरल रिजर्व की दर में कटौती की उम्मीदें खत्म
मार्च में अमेरिकी रिटेल महंगाई अधिक रही है, जिसके कारण व्यापारियों और उपभोक्ताओं को चिंता का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही, उम्मीद से ज्यादा महंगाई और फेडरल रिजर्व की दर में कटौती की उम्मीदों का अंत हो गया है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ उदय कोटक ने इस संकेत को देखते हुए एक चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने दुनिया भर में ब्याज दरों में ऊंचाई की संभावना जताई है।
अमेरिका में बढ़ती महंगाई और ब्रेंट क्रूड के 90 डॉलर पर रहने से दुनिया भर में ब्याज दरें ऊंची रहेंगी, जिससे एक नया आर्थिक चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
फेडरल रिजर्व ने भी कटौती की संभावना जताई है, लेकिन महंगाई में उछाल से दरों में जल्द कटौती की संभावना हुई खत्म हो गई है।
अमेरिकी हेडलाइन इंफ्लेशन पिछले महीने बढ़ी है, जबकि चीन की रिटेल महंगाई दर मार्च में कम रही है।
आरबीआई ने दरों पर यथास्थिति रखी बरकरार रखा है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.5 फीसदी पर कायम रखा है।
इसी के साथ, एक अनुसंधान के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में रिटेल महंगाई गिरने की संभावना है, जो आम लोगों के लिए एक सुखद समाचार हो सकता है।
इस तरह से, विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति में आने वाले बदलाव की चर्चा जारी है, जिसका सीधा असर प्रत्याशित रूप से विश्व के आर्थिक संकट पर पड़ेगा।
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