क्या आपकी राय है?
प्यार – 0
उदास – 0
खुश – 0
नींद में – 0
गुस्सा – 0
मरे हुए – 0
किसी को आँख मारी – 0
“क्या आपकी राय है? यहां कुछ लोगों ने बात की!”
नई दिल्ली – राजनीतिक क्षेत्र में गतिशीलता की एक नई विषयवस्तु सामने आई है। कुछ बयान यहां के नागरिकों का मोड़ ले रहे हैं। हाल ही में वेबसाइट ‘राजनीति गुरु’ ने कहा है कि उनके पठकों की राय पर इस्तेमाल होकर कैसे इस क्षेत्र को बदला जा सकता है।
इस वेबसाइट ने अपने सामाजिक मीडिया पेज पर एक सर्वेक्षण आयोजित किया था, जिसमें पाठकों से प्यार, उदासी, खुशी, नींद में होना, गुस्से और मरे हुए लोगों के बारे में पूछा गया था। यह सर्वेक्षण कुछ आश्चर्यजनक परिणामों पर पहुंचा है।
सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, पाठकों की राय से स्पष्ट रूप से प्यार, उदासी, खुशी, नींद में होना, गुस्सा, मरे हुए और किसी को आँख मारने के बारे में कोई राय नहीं थी। यह कुछ लोगों के लिए स्थिर खड़ा हो गया है कि क्या वास्तव में उन्हें इन चीजों के बारे में फिक्र करनी चाहिए।
‘राजनीति गुरु’ के संपादक, श्री अमित शर्मा ने कहा, “ये नतीजे बहुत चिंताजनक हैं। वहां कुछ ना प्यार, ना उदासी, ना खुशी और ना ही नींद में होने की राय थी। इसका मतलब यह हो सकता है कि लोग यहां वास्तव में इन चीजों की परवाह नहीं कर रहे हैं और कोई मरे हुए और किसी के आँख मारने के बारे में लोगों का मनोबल बहुत छोटा है।”
सामाजिक विज्ञान के एक प्राकृतिक विभाजन के अनुसार, इस सर्वेक्षण का परिणाम यह प्रकट करता है कि राजनीतिक क्षेत्र में व्यक्तित्व और कार्यप्रणाली के बीच एक संघर्ष है। जब तक एक व्यक्ति राजनीतिक मुद्दों पर आम राय नहीं रखने के लिए तैयार नहीं है, तब तक इस क्षेत्र में परिवर्तन की आवश्यकता है।
वहीं, संगठित जनता के हित के लिए इस समाचार पत्रिका आयोजित किए गए सर्वेक्षण ने आंकड़ों के माध्यम से प्रस्तुत किया है कि आम नागरिक आपत्ति काम करने के लिए राजनीतिक मसलों के समर्थन में कितना योगदान दे सकते हैं।
इससे पहले भी ‘राजनीति गुरु’ ने अन्य सर्वेक्षण को आयोजित किया था, जिसमें भारतीय नागरिकों के राजनीतिक मुद्दों के बारे में बातचीत थी। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के मत और मानवीय सामरिक रहस्य भी प्रकट होते हैं, जो राजनीतिक प्रचारकों को और भी ताकतवर बना सकते हैं।
सभी इन परिणामों के माध्यम से, यह निश्चित है कि राजनीतिक क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए एक विचार-योग्य, न्यायसंगत और समयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। ‘राजनीति गुरु’ इस सार्वजनिक परिवर्तन की पहल करने के लिए अग्रसर है और इसे लोगों के सहयोग के साथ करने जा रहा है।
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