
भारत के निजी रक्षा उद्योग और उसकी बढ़ती वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने मोरक्को के समकक्ष अब्देलतीफ लौडीयी के साथ मोरक्को में कैसाब्लांका के पास एक आधुनिक रक्षा विनिर्माण इकाई का उद्घाटन किया। यह ऐतिहासिक घटना पहली बार है जब किसी भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनी ने अफ्रीकी महाद्वीप पर रक्षा उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है, जो भारत की रणनीतिक साझेदारी और “मेक फॉर द वर्ल्ड” (विश्व के लिए निर्माण) के दृष्टिकोण में एक नया अध्याय शुरू करता है।
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) का यह संयुक्त उद्यम, ‘व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म’ (WhAP 8×8) का उत्पादन करने के लिए तैयार है। यह स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया वाहन एक मॉड्यूलर और अनुकूलनीय युद्ध मंच है जो उन्नत गतिशीलता और सुरक्षा सुविधाओं से लैस है। इसके बहुमुखी डिजाइन से इसे विभिन्न विन्यासों में उपयोग किया जा सकता है, जिसमें पैदल सेना का लड़ाकू वाहन, बख्तरबंद कार्मिक वाहक, और यहां तक कि एक मेडिकल एम्बुलेंस भी शामिल है, जिससे यह आधुनिक सैन्य आवश्यकताओं के लिए एक अत्यधिक अनुकूल समाधान बन जाता है। रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, 20,000 वर्ग मीटर में फैली यह सुविधा अगले महीने से रॉयल मोरक्कन आर्मी को WhAP 8×8 वाहनों की डिलीवरी शुरू कर देगी।
उद्घाटन समारोह ने भारत और मोरक्को के बीच गहरे होते रणनीतिक संबंधों को रेखांकित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि यह सुविधा केवल एक व्यावसायिक उद्यम नहीं है, बल्कि एक दीर्घकालिक, विश्वास-आधारित साझेदारी का प्रतीक है। उन्होंने मोरक्को की रणनीतिक स्थिति को अफ्रीका और यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में रेखांकित किया, जिससे TASL संयंत्र भविष्य के निर्यात और सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। “महान साझेदारियाँ केवल अनुबंधों पर आधारित नहीं होतीं, बल्कि विश्वास, सम्मान और साझा आकांक्षाओं पर टिकी होती हैं। भारत और मोरक्को, दोनों प्राचीन सभ्यताएं, हमेशा इस बात को समझते रहे हैं,” मंत्री ने कहा, और इस बात पर जोर दिया कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बंधन इस विकसित हो रहे रिश्ते की नींव हैं।
यह पहल भारत के महत्वाकांक्षी “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” अभियानों की एक ठोस अभिव्यक्ति है, जो अब “मेक विद फ्रेंड्स” (दोस्तों के साथ निर्माण) और “मेक फॉर द वर्ल्ड” तक विस्तारित हो चुकी है। स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों से उल्लेखनीय बदलाव आया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा निर्यात रिकॉर्ड ₹23,622 करोड़ से अधिक तक पहुंच गया है। निजी खिलाड़ियों की भागीदारी इस वृद्धि का एक प्रमुख चालक रही है, क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की निजी रक्षा कंपनियां इस वर्ष 16-18% की मजबूत राजस्व वृद्धि के ट्रैक पर हैं। इस वृद्धि को सरकारी नीतियों और अनुसंधान एवं विकास में महत्वपूर्ण निवेश से समर्थन मिला है, जिसने TASL जैसी कंपनियों को बड़े, अधिक जटिल ऑर्डर हासिल करने में सक्षम बनाया है।
यह विकास विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि भारत दुनिया के सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से एक से एक विश्वसनीय निर्यातक के रूप में बदल रहा है। WhAP 8×8 परियोजना इस बदलाव का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो उन्नत रक्षा प्लेटफार्मों को डिजाइन, विकसित और उत्पादन करने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है। मोरक्को में नया संयंत्र एक मजबूत स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने और क्षेत्र में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व कौशल विकास को बढ़ावा देने की भी उम्मीद है। यह परियोजना 2047 तक रक्षा विनिर्माण में एक अग्रणी वैश्विक शक्ति बनने के भारत के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप है, एक ऐसा लक्ष्य जिसे “आत्मनिर्भर, अग्रणी और अतुल्य भारत 2047” पहल में रेखांकित किया गया है।
अफ्रीका में भारत की पहली निजी रक्षा विनिर्माण इकाई की स्थापना दोनों राष्ट्रों के लिए आर्थिक और भू-राजनीतिक हितों के एक रणनीतिक तालमेल को दर्शाती है। मोरक्को के लिए, यह उसके रक्षा औद्योगिक आधार और आत्मनिर्भरता को बढ़ाती है, जबकि भारत के लिए, यह ग्लोबल साउथ में एक विश्वसनीय रक्षा भागीदार के रूप में उसकी स्थिति को मजबूत करती है। जैसा कि TASL के सीईओ और प्रबंध निदेशक, सुकरण सिंह ने कहा, “मोरक्को में कैसाब्लांका के पास आज रक्षा कारखाने का उद्घाटन भारत-मोरक्को औद्योगिक साझेदारी में एक नया अध्याय शुरू करता है, और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स इस मील के पत्थर का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहा है।” इस कदम से मित्र राष्ट्रों के साथ इसी तरह के सहयोग का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जिससे अंतरराष्ट्रीय रक्षा परिदृश्य में भारत का बढ़ता प्रभाव और मजबूत होगा।