विपक्ष ने दिखाई एकजुटता, राजभर को मनाने में जुटे केशव प्रसाद मौर्य
विरोध के बीच सियासी हलचल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में शुक्रवार को नया मोड़ तब आया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने राज्य सरकार के एक मंत्री को निशाने पर लिया। मामला गर्म होते ही विपक्षी दलों ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के साथ एकजुटता दिखाई। विपक्ष के इस कदम ने भाजपा खेमे की चिंता बढ़ा दी।
डिप्टी सीएम का दखल
हालात को काबू में करने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सीधे हस्तक्षेप करना पड़ा। मौर्य ने न सिर्फ राजभर को समझाने की कोशिश की बल्कि यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी पार्टी की भावनाओं का पूरा सम्मान करेगी। सूत्रों के मुताबिक, मौर्य ने राजभर के साथ बैठक कर हालात शांत करने की रणनीति बनाई।
विपक्ष का रुख
विपक्षी दलों ने इस मौके को भुनाने में देर नहीं की। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत कई दलों ने ABVP के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि यह मामला “पिछड़ों की अनदेखी” से जुड़ा हुआ है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह घटनाक्रम आने वाले चुनावी समीकरणों पर असर डाल सकता है।
BJP का बैकफुट
भाजपा संगठन अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। पार्टी नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह से राजभर और उनके समर्थकों को नाराज़ न होने दिया जाए। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर भाजपा ने इस स्थिति को जल्द काबू में नहीं किया तो उसे “पिछड़ा वर्ग” के समर्थन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।