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यूपी ने कौशल तंत्र को दी मजबूती, नए आईटीआई प्रशिक्षकों की नियुक्ति

In Politics
September 08, 2025
RajneetiGuru.com - यूपी ने कौशल तंत्र को दी मजबूती, नए आईटीआई प्रशिक्षकों की नियुक्ति-yogi-adityanath - Ref by EconomicTimes

अपने व्यावसायिक प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को राज्य संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के लिए 1,510 प्रशिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक राज्य स्तरीय समारोह में औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र वितरण का शुभारंभ किया, और राज्य की विशाल युवा आबादी को रोजगार-परक कौशल से लैस करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

ये नियुक्तियां उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा विभिन्न व्यवसायों में 2,406 रिक्त प्रशिक्षक पदों को भरने के लिए चलाए जा रहे एक बड़े भर्ती अभियान का हिस्सा हैं। यह पहल बेरोजगारी की चुनौती से निपटने और तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, इसे आधुनिक उद्योगों की मांगों के अनुरूप बनाने की राज्य की रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक है।

पृष्ठभूमि: कौशल की अनिवार्यता वर्षों से, भारत एक बड़ी युवा आबादी और कौशल की कमी के विरोधाभास से जूझ रहा है, जहां कई स्नातकों को उद्योग सीधे रोजगार के योग्य नहीं मानते। राज्य द्वारा संचालित आईटीआई देश की व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रणाली की रीढ़ हैं, जिनका उद्देश्य इस अंतर को पाटना है। हालांकि, इन संस्थानों की प्रभावशीलता अक्सर पुराने पाठ्यक्रम और योग्य प्रशिक्षकों की कमी के कारण बाधित हुई है। यूपी सरकार का वर्तमान प्रयास इन मुख्य मुद्दों से सीधे निपटने का लक्ष्य रखता है।

कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के मंत्र पर अपनी सरकार के फोकस को दोहराया, और इस बात पर जोर दिया कि युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करना एक सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।

राज्य के कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा मंत्री, कपिल देव अग्रवाल ने मौजूदा बुनियादी ढांचे के पैमाने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान में 286 सरकारी आईटीआई में 92 विभिन्न ट्रेड चलाए जा रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 1.84 लाख से अधिक सीटों की है। उन्होंने पुष्टि की कि जहां 1,510 प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई है, वहीं 341 अन्य पदों के परिणाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे, जिससे नई नियुक्तियों की कुल संख्या 1,851 हो जाएगी।

राज्य की रणनीति की एक प्रमुख विशेषता इन प्रशिक्षण संस्थानों का आधुनिकीकरण है। एक ऐतिहासिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी में, सरकार ने टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और अन्य उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ मिलकर लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश से 150 आईटीआई का उन्नयन किया है। ये उन्नत केंद्र अब सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), 3डी प्रिंटिंग और डिजिटल संचार जैसे उभरते उच्च-तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इस सफलता के आधार पर, 3,350 करोड़ रुपये की लागत से 62 और आईटीआई के आधुनिकीकरण की मंजूरी दी गई है।

बुनियादी ढांचे में इस भारी पूंजी निवेश के लिए मानव संसाधनों में समानांतर निवेश की आवश्यकता है, जिससे वर्तमान भर्ती अभियान विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि योग्य प्रशिक्षक ही उन्नत सुविधाओं को एक कुशल कार्यबल में बदलने की अंतिम और महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

नई दिल्ली स्थित कौशल विकास नीति विश्लेषक डॉ. अनीश कुमार कहते हैं, “निजी क्षेत्र के सहयोग से आईटीआई का आधुनिकीकरण एक सराहनीय कदम है। हालांकि, इस पहल की वास्तविक सफलता प्रशिक्षकों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। यह भर्ती अभियान महत्वपूर्ण है क्योंकि अच्छी तरह से प्रशिक्षित प्रशिक्षक ही उन्नत मशीनरी और एक कुशल छात्र के बीच का सेतु हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि निवेश ठोस रोजगार परिणामों में परिवर्तित हो।”

सरकार के प्रयास आईटीआई से आगे भी फैले हुए हैं। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ने पिछले आठ वर्षों में 14 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से 5.65 लाख से अधिक ने रोजगार हासिल किया है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, माध्यमिक विद्यालयों में प्रोजेक्ट प्रवीण और नियमित ‘रोजगार मेलों’ जैसी अन्य पहलें भी एक व्यापक कौशल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए लागू की जा रही हैं।

जैसे ही ये नवनियुक्त प्रशिक्षक अपना पद ग्रहण करेंगे, अब ध्यान प्रशिक्षण की गुणवत्ता की निगरानी और प्लेसमेंट दरों में सुधार पर केंद्रित होगा, जो इस बहु-आयामी कौशल मिशन की सफलता का अंतिम मापदंड होगा।

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  • Anup Shukla

    अनूप शुक्ला पिछले तीन वर्षों से समाचार लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से समसामयिक घटनाओं, स्थानीय मुद्दों और जनता से जुड़ी खबरों पर गहराई से लिखते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, तथ्यपरक और पाठकों से जुड़ाव बनाने वाली है। अनूप का मानना है कि समाचार केवल सूचना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता फैलाने का माध्यम है। यही वजह है कि वे हर विषय को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझते हैं और सटीक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जनसमस्याओं जैसे कई विषयों पर प्रकाश डाला है। उनके लेख न सिर्फ घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि उन पर विचार और समाधान की दिशा भी सुझाते हैं। राजनीतिगुरु में अनूप शुक्ला की भूमिका है — स्थानीय और क्षेत्रीय समाचारों का विश्लेषण, ताज़ा घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग, जनसरोकार से जुड़े विषयों पर लेखन, रुचियाँ: लेखन, यात्रा, फोटोग्राफी और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा।

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अनूप शुक्ला पिछले तीन वर्षों से समाचार लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से समसामयिक घटनाओं, स्थानीय मुद्दों और जनता से जुड़ी खबरों पर गहराई से लिखते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, तथ्यपरक और पाठकों से जुड़ाव बनाने वाली है। अनूप का मानना है कि समाचार केवल सूचना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता फैलाने का माध्यम है। यही वजह है कि वे हर विषय को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझते हैं और सटीक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जनसमस्याओं जैसे कई विषयों पर प्रकाश डाला है। उनके लेख न सिर्फ घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि उन पर विचार और समाधान की दिशा भी सुझाते हैं। राजनीतिगुरु में अनूप शुक्ला की भूमिका है — स्थानीय और क्षेत्रीय समाचारों का विश्लेषण, ताज़ा घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग, जनसरोकार से जुड़े विषयों पर लेखन, रुचियाँ: लेखन, यात्रा, फोटोग्राफी और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा।

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