‘पितृ पक्ष से पहले सीमित समय, BJP–RSS सक्रिय’
नियुक्तियों पर निर्णय टल सकता है
नई दिल्ली: केंद्र की राजनीति में इस समय लंबित नियुक्तियों को लेकर हलचल तेज है। बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जल्द से जल्द इन फैसलों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन समय की खिड़की बेहद सीमित है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से चार दिन की विदेश यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। उनके लौटने तक ‘पितृ पक्ष’ यानी श्राद्ध पक्ष का आरंभ हो जाएगा, जिसे नए कार्यों और शुभ नियुक्तियों के लिए अशुभ काल माना जाता है।
प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी इस हफ्ते चार दिवसीय विदेश दौरे पर निकलेंगे, जिसमें कई अहम द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इस दौरे से भारत की वैश्विक भूमिका और मजबूत होगी। लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा इस बात की भी है कि लौटने के बाद पितृ पक्ष शुरू हो जाएगा, जिससे नए फैसले लेने में विलंब हो सकता है।
संगठन में बेचैनी
सूत्रों के अनुसार, पार्टी और संगठन के स्तर पर कई नियुक्तियों पर लंबे समय से विचार चल रहा है। संघ भी चाहता है कि इन पर जल्द निर्णय हो, ताकि आगामी चुनावी रणनीति में किसी तरह की रुकावट न आए। हालांकि अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि विदेश यात्रा से लौटने के बाद पितृ पक्ष की पाबंदी को देखते हुए क्या नियुक्तियों का फैसला टाला जाएगा।
निष्कर्ष
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह महज संयोग है कि विदेश यात्रा और पितृ पक्ष की शुरुआत लगभग एक ही समय पर पड़ रही है। लेकिन भारतीय परंपरा और आस्थाओं को ध्यान में रखते हुए, बड़े निर्णयों को स्थगित किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।