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महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना विवाद गहराता जा रहा

In Politics
November 19, 2025
rajneetiguru.com - महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना विवाद गहराता जा रहा। Image Credit – The Indian Express

महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति सरकार में स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले राजनीतिक खटास खुलकर सामने आ गई है। भाजपा द्वारा शिवसेना (शिंदे गुट) के कुछ स्थानीय नेताओं, पूर्व पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अपने पाले में लाने की कोशिशों ने गठबंधन के भीतर गहरा असंतोष पैदा कर दिया है। इस असंतोष का संकेत तब स्पष्ट हुआ जब शिवसेना के कई मंत्री नियमित कैबिनेट बैठक से अनुपस्थित रहे और इसके बजाय मुख्यमंत्री से अलग मुलाकात कर अपनी नाराज़गी दर्ज कराई।

शिवसेना मंत्रियों का मुख्य आरोप है कि भाजपा, खासकर उसके कुछ जिला स्तरीय नेता, आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए शिवसेना के प्रभाव वाले क्षेत्रों में ‘आक्रामक’ तरीके से संपर्क अभियान चला रहे हैं। नेताओं का कहना है कि यह प्रयास गठबंधन की विश्वास-निर्माण प्रक्रिया को कमजोर कर रहा है और सहयोगी दलों के बीच अनावश्यक प्रतिस्पर्धा पैदा कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार, शिवसेना मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान कहा कि गठबंधन का उद्देश्य एकजुट होकर विपक्ष के सामने मजबूती से खड़ा होना है, न कि एक-दूसरे के वोट बैंक या नेताओं को कमजोर करना। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि यह प्रक्रिया नियंत्रित नहीं हुई, तो स्थानीय स्तर पर संगठनात्मक ढाँचा प्रभावित हो सकता है और कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने मंत्रीगण की चिंताओं को गंभीरता से लिया और कहा कि गठबंधन में आपसी तालमेल बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए महायुति में ‘अंतर-दलीय आचार संहिता’ पर विचार किया जा सकता है, जिसके तहत कोई भी सहयोगी दल दूसरे दल के सक्रिय पदाधिकारियों, चुने हुए प्रतिनिधियों या महत्वपूर्ण संगठनात्मक सदस्यों को अपने पक्ष में करने का प्रयास नहीं करेगा।

हालांकि, भाजपा के कुछ नेताओं का तर्क है कि कई स्थानीय कार्यकर्ता स्वयं सियासी माहौल और अपने भविष्य को देखते हुए पार्टियों का रुख बदलते हैं और इसे पूरी तरह ‘भर्ती अभियान’ कहना अनुचित होगा। उनका कहना है कि स्थानीय चुनावों में व्यक्तिगत प्रभाव, सामाजिक समीकरण और विकास कार्यों का महत्व अधिक होता है, इसलिए कुछ क्षेत्रों में नेता विभिन्न पार्टियों से संवाद तो करते ही हैं।

शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि यह विवाद केवल नेताओं की अदला-बदली का नहीं, बल्कि सम्मान और राजनीतिक स्पेस का मामला है। वे कहते हैं कि शिंदे गुट अपने पुनर्गठित संगठन को स्थिर करने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में भाजपा की सक्रियता उनके कैडर में असुरक्षा की भावना पैदा कर सकती है।

दूसरी ओर, एनसीपी (शिंदे-फडणवीस गठबंधन का तीसरा घटक) ने इस मुद्दे को ज्यादा तूल न देते हुए कहा है कि सहयोगी दलों के बीच संवाद की प्रक्रिया जारी रहेगी और चुनाव से पहले रणनीतिक स्पष्टता आवश्यक है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद महायुति के भीतर शक्ति संतुलन से जुड़ा है। भाजपा राज्य में अपने विस्तार को जारी रखना चाहती है, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) अपनी पहचान और प्रभाव बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। स्थानीय निकाय चुनाव—विशेषकर ठाणे, कल्याण, नाशिक और औरंगाबाद में—दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके हैं।

इसके अलावा, यह खटास उस समय सामने आई है जब महायुति को विपक्ष से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि महायुति के भीतर ही स्थिरता नहीं है, और यह विवाद उन्हें राजनीतिक रूप से फायदा पहुँचा सकता है। इसलिए गठबंधन नेतृत्व इस प्रयास में जुटा है कि चुनावों से पहले किसी भी तरह की सार्वजनिक दरार को रोका जाए।

हालाँकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में भाजपा और शिवसेना इस मुद्दे को किस तरह सुलझाते हैं। अगर दोनों दलों के बीच संवाद और समन्वय मजबूत नहीं हुआ, तो चुनावी जमीनी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। फिलहाल यह विवाद महायुति के भीतर एक बड़े चेतावनी संकेत की तरह काम कर रहा है, जो आने वाले समय में राज्य की राजनीति को नई दिशा दे सकता है।

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  • नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
    दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

    मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
    हमेशा सीखते रहना और आगे बढ़ना — यही मेरा जीवन और लेखन का मंत्र है।

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