मराठा आरक्षण की लड़ाई को नया मोड़
मुंबई में आमरण अनशन की तैयारी
मुंबई: मराठा आरक्षण आंदोलन के अगुवा मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। वे शुक्रवार से मुंबई के आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करना चाहते हैं। हालांकि प्रशासन ने उन्हें सिर्फ एक दिन के धरने की अनुमति दी है। इस स्थिति ने सरकार और आंदोलनकारियों के बीच टकराव की आशंका बढ़ा दी है।
BJP की सतर्क रणनीति
सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस मुद्दे पर बेहद सतर्क रुख अपना रही है। एक तरफ पार्टी नहीं चाहती कि आंदोलन उग्र हो और दूसरी तरफ अपने परंपरागत मराठा वोट बैंक को नाराज़ करने का भी जोखिम नहीं लेना चाहती। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व हर बयान और फैसले में सावधानी बरत रहा है।
महायुति के लिए चुनौती
मनोज जरांगे पाटिल का आंदोलन सीधे तौर पर महायुति गठबंधन के लिए चुनौती बन गया है। यदि अनशन को लेकर गतिरोध गहराया तो विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल सकता है। कांग्रेस और अन्य दल पहले से ही महायुति सरकार को आरक्षण के मोर्चे पर विफल बताने में जुटे हैं।
निष्कर्ष
मराठा आरक्षण की मांग लंबे समय से महाराष्ट्र की राजनीति का अहम हिस्सा रही है। अब जरांगे पाटिल के नए अनशन से न सिर्फ राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, बल्कि भाजपा को भी राजनीतिक समीकरण साधने में भारी मशक्कत करनी पड़ सकती है।