AICC ने आंदोलन की रूपरेखा तय की, राहुल गांधी के ‘फर्जी मतदाता’ खुलासे के बाद तेज हुई राजनीतिक सरगर्मी
पृष्ठभूमि
नई दिल्ली, 13 अगस्त: कांग्रेस पार्टी ने कथित ‘मत चोरी’ और भाजपा–चुनाव आयोग की मिलीभगत के खिलाफ देशभर में जोरदार आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) ने बताया कि इस अभियान में मशाल मार्च, जिला स्तर की रैलियां और हस्ताक्षर अभियान शामिल होंगे, जिसके माध्यम से चुनाव आयोग से जवाबदेही की मांग की जाएगी।
विवाद की जड़
यह फैसला उस समय आया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में पाए गए हैं। पार्टी का कहना है कि यह मामला लोकतांत्रिक जनादेश के साथ छेड़छाड़ करने और चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने की बड़ी साजिश है।
आंदोलन की रणनीति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा —
- पहला चरण: स्थानीय स्तर पर विरोध-प्रदर्शन और मशाल मार्च।
- दूसरा चरण: जिला और राज्य स्तर पर बड़ी रैलियां।
- अंतिम चरण: देशभर से जुटाए गए लाखों हस्ताक्षर चुनाव आयोग को सौंपना।
AICC प्रवक्ता ने कहा, “हमारे लोकतंत्र की पवित्रता खतरे में है। फर्जी मतदाता सूचियों के जरिए जनता की आवाज़ चुराने की कोशिश को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
राजनीतिक महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अभियान कांग्रेस की आगामी विधानसभा चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पर हमले तेज करने और विपक्षी दलों को एकजुट करने की रणनीति का हिस्सा है। यह कदम न केवल मतदाता सूचियों की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, बल्कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सीधा निशाना साधता है।