
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नेपाल में “नई सुबह के संकेत” का स्वागत किया। उन्होंने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताते हुए देश के युवाओं और नेतृत्व को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
मोदी ने कहा, “नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की का उदय महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण है।” उन्होंने इसे एक समावेशी और युवा नेपाल की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब बताया। साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि भारत नेपाल की लोकतांत्रिक यात्रा में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
सुशीला कार्की का नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनना देश के राजनीतिक इतिहास में एक ऐतिहासिक पल माना जा रहा है। न्यायपालिका और शासन सुधारों में योगदान देने के बाद उनकी यह उपलब्धि उस राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव का प्रतीक है, जो लंबे समय से पुरुष नेताओं के वर्चस्व में रहा है।
नेपाल ने 2015 में नया संविधान अपनाया था, जिसमें अधिक समावेशिता का वादा किया गया था। कार्की का यह उदय उस वादे को पूरा करने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
अपने भाषण में मोदी ने नेपाल की युवा पीढ़ी पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि नेपाल का भविष्य युवाओं के हाथों में है और उनकी ऊर्जा व रचनात्मकता देश को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी के इस संदेश का उद्देश्य भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत करना भी है, खासकर शिक्षा, संस्कृति और युवा-केन्द्रित पहलों के माध्यम से।
दक्षिण एशिया में इस घटनाक्रम का स्वागत किया गया है। लिंग अध्ययन के विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल में महिला प्रधानमंत्री का प्रतीकात्मक महत्व देश की सीमाओं से परे भी गूंजेगा।
दिल्ली स्थित राजनीतिक विश्लेषक डॉ. मीरा देसाई ने कहा, “सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना दक्षिण एशिया की राजनीति में लंबे समय से चले आ रहे लैंगिक मानदंडों को चुनौती देता है। उनका नेतृत्व महिलाओं को शक्ति और प्रभाव की भूमिकाओं में आने के लिए प्रेरित कर सकता है।”
भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक संबंध गहरे हैं। मणिपुर से मोदी का यह संदेश कूटनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में स्थिरता और समावेशिता क्षेत्रीय शांति और सहयोग के लिए आवश्यक है।
हालांकि सुशीला कार्की को नेपाल की जटिल राजनीतिक परिस्थितियों और रोजगार, आर्थिक विकास जैसी चुनौतियों से जूझना होगा, लेकिन उनका नेतृत्व देश को एक नई दिशा दे सकता है।
मोदी ने अपने भाषण का समापन आशा भरे शब्दों से किया: “नेपाल के युवा, प्रधानमंत्री कार्की जैसे नेताओं के मार्गदर्शन में, दक्षिण एशिया का भविष्य रोशन करेंगे। भारत इस यात्रा में नेपाल के साथ खड़ा रहेगा।”