सीपी राधाकृष्णन की नियुक्ति पर राजनीतिक गलियारों में हलचल, विपक्षी नेता भी कर चुके हैं सराहना
चेन्नई, 18 अगस्त: भारतीय जनता पार्टी ने आगामी उपराष्ट्रपति पद के लिए तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। राधाकृष्णन की पहचान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक पुराने और समर्पित कार्यकर्ता के रूप में रही है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि राधाकृष्णन की यह उम्मीदवारी न केवल दक्षिण भारत में भाजपा की पकड़ को मजबूत करेगी, बल्कि उनके सौम्य व्यक्तित्व और सर्वदलीय स्वीकार्यता से केंद्र की राजनीति में भी संतुलन बना रहेगा।
राजनीतिक सफर की झलक
सी. पी. राधाकृष्णन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत तमिलनाडु से की थी। वे दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और भाजपा की तमिलनाडु इकाई में प्रमुख पदों पर कार्य कर चुके हैं। 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, जिसके कुछ ही समय बाद उन्हें महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया। उनकी इस नियुक्ति पर डीएमके के एक वरिष्ठ नेता ने टिप्पणी करते हुए कहा था, “अच्छा इंसान, लेकिन गलत पार्टी में।” यह बयान उनके प्रति विपक्षी नेताओं के सम्मान और सौहार्द्र का संकेत माना गया।
संघ से लेकर संवैधानिक पद तक
आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले राधाकृष्णन हमेशा संगठनात्मक अनुशासन और समर्पण के प्रतीक रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान वे भाजपा को तमिलनाडु जैसे कठिन भूभाग में स्थापित करने की कोशिशों में लगे रहे। महाराष्ट्र जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में राज्यपाल के रूप में उनकी भूमिका ने उन्हें एक भरोसेमंद प्रशासक के रूप में भी स्थापित किया।
निष्कर्ष
राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा अब उन चेहरों को आगे ला रही है जो संगठन के साथ-साथ प्रशासनिक अनुभव भी रखते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उनकी यह उम्मीदवारी सर्वसम्मति प्राप्त कर पाएगी, या विपक्ष कोई दूसरा रास्ता अपनाएगा।