बेंगलुरु दक्षिण डिविजन पुलिस ने शनिवार (9 अगस्त, 2025) की रात एहतियाती कार्रवाई के तहत डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर चिंतक ओक्कूटा के 10 सदस्यों को हिरासत में ले लिया। ये सदस्य रागीगुड्डा मेट्रो स्टेशन के बाहर प्रदर्शन कर इसका नाम बदलकर मारेनाहल्ली स्टेशन करने की मांग करने वाले थे।
विवाद की वजह
मेट्रो स्टेशन का निर्माण जिस क्षेत्र में हुआ है, वह मारेनाहल्ली में आता है, जबकि रागीगुड्डा स्टेशन से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित है।
ओक्कूटा के सदस्य मणिकंठ बी. ने बताया,
“रागीगुड्डा पहले से ही कई कारणों से मशहूर है, लेकिन मारेनाहल्ली का 400 साल पुराना इतिहास है और यह सलम्मादेवी के नाम पर बसा क्षेत्र है। हमने 2020 में सरकार को याचिका दी थी, लेकिन स्थानीय राजनीतिक दबाव के चलते स्टेशन का नाम रागीगुड्डा रखा गया।”
सदस्यों ने मांग की कि कम से कम स्टेशन का नाम मारेनाहल्ली-रागीगुड्डा रखा जाए, ताकि दोनों जगहों की पहचान बनी रहे।
हिरासत और जब्ती
पुलिस ने प्रदर्शन की योजना से पहले ही सदस्यों को बात करने के बहाने बुलाया और बैनर, हैंडबिल और याचिका की प्रतियां जब्त कर लीं।
सदस्यों ने कहा,
“हम उद्घाटन में बाधा नहीं डालना चाहते थे, बस अपनी चिंता जताना चाहते थे। तीन साल से बार-बार कोशिश के बावजूद हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया।”
हिरासत में लिए गए सदस्यों को जेपी नगर, सिद्दापुर होते हुए हनुमंथ नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
NSUI कार्यकर्ताओं पर भी कार्रवाई
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले पुलिस ने शहर के अलग-अलग हिस्सों से नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के कई कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया और उन्हें नजरबंद कर दिया।
NSUI के महासचिव ने इस कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदस्यों की तुरंत रिहाई सुनिश्चित की जाए ताकि लोकतांत्रिक अधिकार बरकरार रहें।