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बीएमसी चुनाव में ठाकरे एकजुट, भाजपा चुनौती

In Politics
December 24, 2025
बीएमसी चुनाव: उद्धव-राज ठाकरे साथ, भाजपा पर दबाव

मुंबई की राजनीति में एक अहम मोड़ उस समय सामने आया है, जब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक मंच पर आने की अटकलें सियासी हकीकत का रूप लेती दिख रही हैं। लंबे समय बाद ठाकरे परिवार की दो प्रमुख राजनीतिक धाराओं—शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे)—का संभावित गठबंधन महाराष्ट्र की शहरी राजनीति, खासकर मराठी बहुल नगर निकायों में, समीकरण बदल सकता है।

बीएमसी देश की सबसे समृद्ध नगरपालिकाओं में गिनी जाती है और मुंबई की प्रशासनिक, आर्थिक तथा राजनीतिक दिशा तय करने में इसकी भूमिका निर्णायक मानी जाती है। ऐसे में उद्धव-राज ठाकरे की नजदीकी न केवल बीएमसी, बल्कि ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, नासिक, पुणे और नवी मुंबई जैसे नगर निगमों में भी असर डाल सकती है, जहां मराठी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस संभावित गठबंधन का मुख्य उद्देश्य मराठी वोटों के बिखराव को रोकना है। बीते वर्षों में शिवसेना और मनसे के अलग-अलग चुनाव लड़ने से मराठी मतों का विभाजन हुआ, जिसका सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों को मिला। अब यदि दोनों दल साझा रणनीति के साथ मैदान में उतरते हैं, तो यह भाजपा के लिए सीधी चुनौती बन सकता है।

भाजपा ने पिछले कुछ वर्षों में मुंबई सहित महाराष्ट्र के शहरी इलाकों में अपनी संगठनात्मक ताकत बढ़ाई है। हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर समीकरण जटिल बने हुए हैं। ऐसे में ठाकरे बंधुओं का साथ आना भाजपा को अपने सहयोगी—खासतौर पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना—पर अधिक निर्भर होने के लिए मजबूर कर सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा को मराठी अस्मिता और स्थानीय नेतृत्व के मुद्दों पर अधिक संतुलन साधना होगा।

बीएमसी चुनावों की पृष्ठभूमि में यह भी महत्वपूर्ण है कि मुंबई का मतदाता आधार बहुस्तरीय है। यहां मराठी मतदाताओं के साथ-साथ अल्पसंख्यक, मध्यम वर्ग और प्रवासी आबादी भी निर्णायक भूमिका निभाती है। उद्धव ठाकरे की पार्टी जहां पारंपरिक शिवसैनिक आधार के साथ शहरी मतदाताओं तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं राज ठाकरे की मनसे मराठी पहचान और स्थानीय मुद्दों पर मुखर रुख के लिए जानी जाती है। दोनों की संयुक्त अपील एक व्यापक वोट बैंक को आकर्षित कर सकती है।

शिवसेना (यूबीटी) के एक वरिष्ठ नेता ने गठबंधन के संकेतों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह केवल चुनावी समझौता नहीं, बल्कि मुंबई और महाराष्ट्र की मराठी पहचान को मजबूत करने की कोशिश है।” यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि यह गठजोड़ केवल सीटों का गणित नहीं, बल्कि वैचारिक संदेश भी देना चाहता है।

दूसरी ओर, भाजपा का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनाव विकास, प्रशासनिक क्षमता और पारदर्शिता के आधार पर लड़े जाने चाहिए। पार्टी का दावा है कि उसकी शहरी नीतियां, बुनियादी ढांचे पर जोर और केंद्र व राज्य सरकारों के साथ समन्वय उसे मजबूत स्थिति में रखता है। हालांकि, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ठाकरे बंधुओं का साथ आना चुनावी मुकाबले को कहीं अधिक रोचक और कड़ा बना देगा।

बीएमसी चुनावों को अक्सर महाराष्ट्र की राजनीति का सेमीफाइनल माना जाता है। यहां का जनादेश आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के रुझान भी संकेतित करता है। यदि ठाकरे गठबंधन अपेक्षित प्रदर्शन करता है, तो यह विपक्षी राजनीति को नई ऊर्जा दे सकता है। वहीं, भाजपा के लिए यह अपनी रणनीति और गठबंधन संतुलन की परीक्षा होगी।

कुल मिलाकर, उद्धव और राज ठाकरे की नजदीकी ने महाराष्ट्र की नगर निगम राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। आने वाले दिनों में सीट बंटवारे, साझा एजेंडे और प्रचार रणनीति पर स्पष्टता के साथ यह तय होगा कि यह गठबंधन भाजपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती बन पाता है। फिलहाल इतना तय है कि बीएमसी चुनाव अब केवल स्थानीय निकाय का चुनाव नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति की दिशा तय करने वाला अहम मुकाबला बन चुका है।

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  • नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
    दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

    मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
    हमेशा सीखते रहना और आगे बढ़ना — यही मेरा जीवन और लेखन का मंत्र है।

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    Rajneeti Guru Author

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नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
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