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बिहार में महागठबंधन सीट बाँट पर बढ़ा तनाव

In Politics
September 12, 2025
rajneetiguru.com - बिहार चुनाव में महागठबंधन सीट बंटवारे की बैठक। Image Credit – The Indian Express

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ गया है। कांग्रेस और विकाशशील इंसान पार्टी (VIP) ने अपनी माँगें तेज कर दी हैं, जिससे गठबंधन के भीतर समीकरण और पेचीदा हो गए हैं।

कांग्रेस पार्टी “सम्मानजनक हिस्सेदारी” पर जोर दे रही है और चाहती है कि उसे पर्याप्त सीटें मिलें जो जीतने योग्य हों। पार्टी नेताओं का कहना है कि हाल के अभियानों से उनका संगठन काफी सक्रिय हुआ है और इसलिए उन्हें कम से कम 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। 2020 में भी कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 19 पर जीत हासिल कर सकी थी।

VIP प्रमुख मुकेश साहनी ने और भी सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने अपनी पार्टी के लिए लगभग 60 सीटों की माँग की है और यह भी स्पष्ट किया है कि गठबंधन की जीत की स्थिति में उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया जाए। हालांकि माना जा रहा है कि पार्टी अंततः कम सीटों पर भी समझौता कर सकती है, लेकिन साहनी की माँग उनके बढ़ते राजनीतिक प्रभाव को रेखांकित करती है।

इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाला लोक जनशक्ति पार्टी का धड़ा भी गठबंधन में शामिल होने की प्रक्रिया में है। इससे बिहार की 243 विधानसभा सीटों के बँटवारे का गणित और कठिन हो गया है।

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “हमारे हालिया अभियान से बिहार संगठन में नई ऊर्जा आई है। हमें एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में सम्मान मिलना चाहिए और सीट आवंटन हमारी संभावनाओं के आधार पर होना चाहिए, केवल पिछले प्रदर्शन के आधार पर नहीं।”

वहीं मुकेश साहनी ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा, “यह सही है कि आरजेडी और कांग्रेस जैसे दलों की हिस्सेदारी अधिक है, लेकिन हमारी पार्टी का जनाधार भी बढ़ रहा है। इसलिए 60 सीटों पर चुनाव लड़ना उचित है और सरकार बनने पर हमें उप मुख्यमंत्री की भूमिका भी मिलनी चाहिए।”

गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सभी घटक दलों से त्याग की अपील की है। 2020 में RJD ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 70 में से 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वामदलों ने भी सीमित संख्या में सीटें जीतकर महत्वपूर्ण सहयोग दिया था। कुल मिलाकर महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं, जबकि एनडीए ने 125 सीटों पर कब्जा जमाकर सत्ता हासिल की।

आगामी चुनावों को INDIA ब्लॉक की एकजुटता की परीक्षा माना जा रहा है। सीट बंटवारे का फार्मूला गठबंधन के भविष्य को तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। आने वाले दिनों में महागठबंधन की अहम बैठक होने की संभावना है, जिसमें 15 सितंबर से पहले किसी समझौते पर पहुँचा जा सकता है।

फिलहाल कांग्रेस और VIP की अलग-अलग माँगों ने गठबंधन की एकता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि क्या महत्वाकांक्षा और व्यावहारिकता के बीच कोई संतुलन बन पाता है या नहीं।

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